लालू प्रसाद मंगलवार को अपने सरकारी आवास 10 सकरुलर रोड में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमारी मांग पर केंद्र सरकार ने रिपोर्ट जारी नहीं की, तो बिहार में अनिश्चितकालीन बंदी का एलान किया जायेगा. जब तक रिपोर्ट जारी नहीं हो जाती, तब तक हम चैन की नींद सोयेंगे और नहीं केंद्र सरकार को सोने देंगे. उन्होंने कहा कि दलितों, गरीबों और अल्पसंख्यकों के नाम पर राजनीति करनेवाले प्रवासी लोग बेनकाब हो गये हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन खड़ा कर हम अगड़ी जाति के लोगों का विरोध नहीं कर रहे हैं. हमारी लड़ाई सामाजिक न्याय के लिए है.
एससी-एसटी के नेताओं को यह बात जान लेनी चाहिए कि इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा. ब्रिटिश काल में 1931 में भारत की जातीय जनगणना हुई थी. इसी आधार पर अनुसूचित जाति/जनजातियों को आरक्षण दिया जा रहा है. संविधान में प्रावधान है कि इन दो समुदायों को उनकी जनसंख्या के आधार पर सरकारी सेवाओं में आरक्षण दिया जायेगा. अब दोनों जातियों की संख्या 30-40 फीसदी हो गयी है. इस अनुपात में इनको आरक्षण मिलना चाहिए.
किसी ने अपने को यादव तो अधिसंख्य ने मुसलिम बताया. लालू प्रसाद ने कहा कि यही लोग हैं, जो अभी तक मजदूरी कर रहे हैं. अभी तक देश का अंधा बजट बनता रहा है. जब रिपोर्ट आयेगी, तो आबादी के अनुसार बजट बनाना होगा. सिर्फ पिछड़ा प्रधानमंत्री कहने से काम नहीं चलेगा. पिछड़ा प्रधानमंत्री हैं, तो इनका हक क्यों मार रहे हो. प्रेस कॉन्फ्रेंस में लालू ने एक तरफ प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामचंद्र पूव्रे व मुंद्रिका सिंह यादव को बैठाया था, तो दूसरी तरफ दोनों पुत्र तेज प्रताप यादव व तेजस्वी यादव को बैठाया था.