अमृतसर. वित्त मंत्री अरण जेटली ने मंगलवार को कहा कि केंद्र कृषि क्षेत्र में फसल नुकसान की भरपाई के लिए एक बीमा योजना लाने की तैयारी कर रहा है. उन्हांेेने कहा कि केंद्र सरकार की योजना कृषि और सिंचाई क्षेत्र पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च करने की है. वित्त मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया कि किसानांे की स्थिति चिंता का विषय है. भविष्य मंे हमारी देश के कृषि व सिंचाई क्षेत्र पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है.जेटली ने ठेठ पंजाबी मंे एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि राज्य सरकारें आगे आती हैं और इस कोष का इस्तेमाल करती हैं, तो इससे कृषि क्षेत्र मंे सकारात्मक बदलाव आयेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि किसानांे की स्थिति चिंता का विषय है. हम अगली चुनौती पर काम कर रहे हैं. इसमंे यदि किसान की फसल बर्बाद हो जाती है, तो उसे घर बैठे-बैठे स्वत: ही फसल नुकसान की बीमा राशि मिल जायेगी. हम सिर्फ कृषि क्षेत्र के लिए बीमा योजना ला रहे हैं. जेटली ने नाबार्ड के 34वंे स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उत्पादकता निचले स्तर पर है, 85 फीसदी किसान छोटे व सीमांत हैं. कृषि क्षेत्र कच्चे माल की ऊंची लागत से प्रभावित है. सिंचाई की सुविधा सीमित है, कर्ज का बोझ अधिक है. किसानांे के लिए प्रभावी बीमा तंत्र का अभाव है.
कृषि बीमा योजना की तैयारी : जेटली
अमृतसर. वित्त मंत्री अरण जेटली ने मंगलवार को कहा कि केंद्र कृषि क्षेत्र में फसल नुकसान की भरपाई के लिए एक बीमा योजना लाने की तैयारी कर रहा है. उन्हांेेने कहा कि केंद्र सरकार की योजना कृषि और सिंचाई क्षेत्र पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च करने की है. वित्त मंत्री ने इस बात को स्वीकार […]
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