संवाददाता, पटनापूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेकुलर के नेता जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार से एक बार सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना के आंकड़ों को जारी किये जाने की मांग की. मांझी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मंगलवार को कहा कि जब जातिगत जनगणना के लिए आयोग बना, सर्वे हुआ तो इसे गुप्त रखने की क्या जरूरत है. इसको सामने लाना चाहिए. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद की तरह मांझी ने भी जातीय जनगणना की मांग फिर दोहरायी है. मांझी ने कहा कि इस रिपोर्ट से ये पता चलेगा कि कितने लोग भूमिहीन और मकानविहीन हैं. तभी तो इनकी स्थिति में सुधार के लिए प्रभावी निर्णय लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस सर्वे को सिर्फ जाति से जोड़ना उचित नहीं है, बल्कि सर्वे में इन वर्गों के लोगों की वास्तविक स्थिति का भी पता चलेगा. यह मेरी व्यक्तिगत राय है कि जातिगत जनगणनना की रिपोर्ट जारी की जानी चाहिए. जीतन राम मांझी सैद्धांतिक तौर पर एनडीए में शमिल हो चुके हैं.
जातीय जनगणना रिपोर्ट जारी करे केंद्र सरकार : मांझी
संवाददाता, पटनापूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेकुलर के नेता जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार से एक बार सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना के आंकड़ों को जारी किये जाने की मांग की. मांझी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मंगलवार को कहा कि जब जातिगत जनगणना के लिए आयोग बना, सर्वे हुआ तो इसे गुप्त रखने की […]
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