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राजपाट : फर्जी शिक्षक नियोजन में निगरानी को हाइकोर्ट की फटकार

कहा, फर्जी शिक्षक और निगरानी ब्यूरो में सांठगांठबेशर्म है निगरानी ब्यूरोविधि संवाददाता, पटना पटना उच्च न्यायालय ने फर्जी डिग्री के आधार पर नियोजित शिक्षकों की जांच को लेकर निगरानी ब्यूरो को कड़ी फटकार लगायी है. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेडी और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने सोमवार को कहा कि निगरानी ब्यूरो के कामकाज […]

कहा, फर्जी शिक्षक और निगरानी ब्यूरो में सांठगांठबेशर्म है निगरानी ब्यूरोविधि संवाददाता, पटना पटना उच्च न्यायालय ने फर्जी डिग्री के आधार पर नियोजित शिक्षकों की जांच को लेकर निगरानी ब्यूरो को कड़ी फटकार लगायी है. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेडी और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने सोमवार को कहा कि निगरानी ब्यूरो के कामकाज से प्रतीत होता है कि फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पाये नियोजित शिक्षकों के साथ निगरानी ब्यूरो की कोई सांठगांठ है. कोर्ट ने निगरानी को बेशर्म बताते हुए कहा कि जब हमने धमकी दी तो 1271 फर्ज नियोजित शिक्षकों ने तुरंत इस्तीफा दे दिया, जबकि इतने दिनों में निगरानी ब्यूरो महज तीन ही जाली प्रमाणपत्र खोज पायी थी. कोर्ट ने मंगलवार को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन और निगरानी ब्यूरो के एडीजी को उपस्थित होने को कहा है. खंडपीठ ने कहा कि अब यह दोनों अधिकारी हलफनामा दायर कर बतायेंगे कि इस मामले की वास्तविकता क्या है. याचिकाकर्ता रंजीत पंडित के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि साढे तीन लाख नियोजित शिक्षकों में चालीस हजार जाली डिग्री के आधार पर नौकरी कर रहे हैं. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि चार दिसंबर, 2012 को तत्कालीन प्रधान सचिव ने कहा था कि बिना डिग्री की जांच किये किसी को भी नियोजित नहीं किया जायेगा. लेकिन किस कारण से बिना जांच किये ही ऐसे शिक्षकों को नियोजित कर लिया गया. कोर्ट को बताया गया कि जिन 1271 शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है, उनमें 1229 प्राइमरी शिक्षक हैं और 42 सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक हैं, जबकि तीन पुस्तकालयाध्यक्ष हैं.

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