आधा से अधिक शहर में तो लो वोल्टेज की समस्या है. इस वजह से पंखे में गति नहीं है. बिजली से चलने वाले सभी उपकरण बेकार हो गये हैं.ट्रांसमिशन के अभियंता ट्रांसमिशन लाइन को दुरुस्त नहीं करा पा रहे हैं. शहर में लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे शहरवासी फ्रेंचाइजी कंपनी के अभियंताओं पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. अगर ट्रांसमिशन विभाग ने कहलगांव और सबौर के बीच एक लाख 32 हजार वोल्ट की लाइन दुरुस्त कर ली होती, तो यह नौबत नहीं आती.
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परेशानी. मेन लाइन खराब, वैकल्पिक लाइन से भी नहीं हुआ सुधार, लो वोल्टेज से हुए बेदम
भागलपुर: एनटीपीसी (कहलगांव) से सबौर ग्रिड जानेवाली ट्रांसमिशन लाइन (एक लाख 32 हजार वोल्ट) पिछले दो दिनों से खराब है. इस रूट की लाइन को बांका के रास्ते मंगा कर शहर को तो मेंटेन किया जा रहा है. मगर वोल्टेज में स्थिरता नहीं है. वोल्टेज अप डाउन कर रहा है, जिससे शहरवासी परेशान हैं. आधा […]
भागलपुर: एनटीपीसी (कहलगांव) से सबौर ग्रिड जानेवाली ट्रांसमिशन लाइन (एक लाख 32 हजार वोल्ट) पिछले दो दिनों से खराब है. इस रूट की लाइन को बांका के रास्ते मंगा कर शहर को तो मेंटेन किया जा रहा है. मगर वोल्टेज में स्थिरता नहीं है. वोल्टेज अप डाउन कर रहा है, जिससे शहरवासी परेशान हैं.
कंट्रोल रूम के ऑपरेटर रात में लेते हैं झपकी
ट्रांसमिशन विभाग के कंट्रोल रूम के ऑपरेटरों की मनमानी से पूरा शहर परेशान है. विद्युत उपकेंद्रों को बिजली आपूर्ति करने का जब समय आता है, तो ऑपरेटरों की ओर से विलंब की जाती है. सबसे ज्यादा उन उपभोक्ताओं को परेशानी होती है, जब बिजली ट्रिप करती है और सबौर ग्रिड से विद्युत उपकेंद्र को बिजली आपूर्ति करने में कांट्रोल रूम के ऑपरेटर आधा घंटा से ज्यादा समय लगा देते हैं. यह स्थिति ज्यादातर रात में ऑपरेटरों की झपकी लेने के कारण बनती है.
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