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नासिक में कुंभ मेला शुरु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी शुभकामनायें

त्रियंबकेश्वर/नासिक :धरती पर होने वाले सबसे बडे धार्मिक समागमों में से एक, सिंहस्थ कुंभ मेला आज से शुरू हो गया है. इससे पहले सोमवार तक बडी संख्या में साधु और श्रद्धालु शहर पहुंचे. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ‘मेरी शुभकामनायें श्रद्धालुओं के साथ है. आज से कुंभ मेला शुरू हो रहा है […]

त्रियंबकेश्वर/नासिक :धरती पर होने वाले सबसे बडे धार्मिक समागमों में से एक, सिंहस्थ कुंभ मेला आज से शुरू हो गया है. इससे पहले सोमवार तक बडी संख्या में साधु और श्रद्धालु शहर पहुंचे. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ‘मेरी शुभकामनायें श्रद्धालुओं के साथ है. आज से कुंभ मेला शुरू हो रहा है यह एक अहम तीर्थयात्रा है. मुझे उम्मीद है कि आध्यात्मिकता आनंद श्रद्धालु लेंगे. आपको बता दें कि कुंभ के दौरान श्रद्धालु गोदावरी नदी में पवित्र स्नान करते हैं.’

इस भव्य आयोजन की शुरुआत आज ध्वजारोहण समारोह के साथ सुबह छह बज कर 16 मिनट पर नासिक शहर के रामकुंड और मंदिरों के समीपवर्ती शहर त्रयम्बेकश्वर के कुश्वर्त तीर्थ में हुई. समारोह का आयोजन नासिक गंगा गोदावरी पंचकोटी पुरोहित संघ और त्रयम्बकेश्वर पुरोहित संघ कर रहे हैं.

विश्वभर में आस्था के लिए लाखों लोगों के एकत्र होने के सबसे बडे धार्मिक आयोजन सिंहस्थ कुंभ का आज विधिवत रुप से शुभारंभ हो गया. ध्वजारोहण के एक परंपरागत समारोह के साथ हजारों लोगों ने दो शहरों में गोदावरी नदी में कुशावर्त और रामकुंड में डुबकी लगाई. त्रियंबकेश्वर में जहां गृहमंत्री राजनाथ सिंह और महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने समारोह में मुख्यअतिथि के तौर पर भाग लिया वहीं राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नासिक के समारोह में उपस्थित रहे.

निकाली गईभव्य ‘शोभा यात्रा’

नासिक एवं त्रयम्बकेश्वर पुरोहित संघ के अध्यक्ष सतीश शुक्ला और त्रयम्बकेश्वर पुरोहित संघ के अध्यक्ष जयंत शिखर ने बताया कि हर 12 वर्ष के अंतराल पर हिंदू कैलेन्डर के अनुसार, माघ माह में जब सूर्य और बृहस्पति एक साथ सिंह राशि में प्रवेश करते हैं तब नासिक – त्रयम्बकेश्वर मे कुंभ मेला आयोजित किया जाता है. कुंभ मेला से पहले नासिक और त्रयम्बकेश्वर मे सोमवार शाम भव्य ‘शोभा यात्रा’ निकाली गई जिसमें विभिन्न अखाडों के महंतों और साधुओं ने हिस्सा लिया.

शाही स्नान

शाही स्नान नासिक में 29 अगस्त, 13 सितंबर और 18 सितंबर को होगा जबकि त्रयम्बकेश्वर में 29 अगस्त, 13 सितंबर और 25 सितंबर को होगा. नासिक साधू ग्राम में वैष्णव संप्रदाय, निर्मोही, निर्वाणी और दिगम्बर अखाडों के साधू रुकेंगे. त्रयम्बकेश्वर साधू ग्राम में नागा साधुओं सहित शैव संप्रदाय के साधू ठहरेंगे. समझा जाता है कि 18वीं सदी के आखिर में कुंभ मेला के दौरान दोनों संप्रदायों के साधुओं के बीच टकराव में हजारों साधुओं की जान चली गई थी जिसके बाद पेशवा शासकों ने दोनों संप्रदायों के अनुयाइयों की अलग अलग व्यवस्था करने का आदेश दिया था.

सुरक्षाकीचाक-चौबंद व्यवस्था

सुरक्षा के लिए पुलिस ने चाक-चौबंद व्यवस्था की है, खास कर त्रयम्बकेश्वर से निकलने वाली गोदावरी नदी के तट पर और दोनों शहरों में किसी भी तरह की भगदड से बचने के लिए. पिछली बार कुंभ मेला में भगदड हुई थी. ‘‘परवानी’’ दिवसों में शाही स्नान होता है और तब करीब 15,000 पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे. शहर की पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों से सुसज्जित एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है. पूरे शहर में 1,700 लाउड स्पीकर लगाए गए हैं और इन्हें नियंत्रण कक्ष में लगी सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली से संबद्ध किया जाएगा.

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