नयी दिल्ली :आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में आज लोढ़ा कमेटी ने सजा का ऐलान किया. सजा का ऐलान करते हुए जस्टिस लोढ़ा ने घोषणा की कि चेन्नई सुपर किंग्स के मालिकों में से एक गुरुनाथ मयप्पन पर पांच साल का बैन लगाया जा रहा है लेकिन वे आजीवन क्रिकेट से नहीं जुड़ सकेंगे. उन्होंने कहा कि गुरुनाथ मयप्पन चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा थे. उन्होंने खेल के नियम तोड़े और वे सट्टेबाजी में भी शामिल थे. उनकी कारगुजारियों से बीसीसीआई और आईपीएल की छवि खराब हुई है.
जस्टिस लोढ़ा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा ने क्रिकेट की छवि खराब की और वे सट्टेबाजी में भी शामिल थे. इसलिए उनपर आजीवन प्रतिबंध लगाया जा रहा है. जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की टीमें भी सट्टेबाजी में शामिल थीं, इसलिए चेन्नई सुपर किंग्स को आईपीएल से दो साल के लिए निलंबित किया जा रहा है. इस टीम पर दो साल का प्रतिबंध रहेगा. वहीं राजस्थान रॉयल्स की टीम पर भी दो साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है.
उच्चतम न्यायालय ने इस साल जनवरी में इस समिति का गठन किया था ताकि यह तय किया जा सके कि मयप्पन, कुंद्रा और दो फ्रेंचाइजी, सीएसके की मालिक कंपनी इंडिया सीमेंट लिमिटेड और राजस्थान रायल्स की मालिक जयपुर आईपीएल को कितनी सजा दी जाये.
फैसला सुनाने के बाद जब तीन सदस्यीय समिति मीडिया को संबोधित कर रही थी तब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने आईपीएल सीओओ सुंदर रमन के खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया था जिन पर गलत काम करने का आरोप लगा था.
न्यायमूर्ति लोढा ने कहा कि उनके भाग्य का फैसला करने में अभी कुछ समय लगेगा. उन्होंने कहा, जहां तक सुंदर रमन की बात है तो हमने उनसे संबंधित सामग्री की जांच की और हमारा मानना है कि इसमें आगे जांच करने की जरूरत है. उच्चतम न्यायालय ने इस पर गौर करने के लिए विवेक प्रियदर्शी को नियुक्त किया है और वह इसकी जांच कर रहे हैं. हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद ही हम फैसला करेंगे कि क्या कार्रवाई करनी है. समिति ने बीसीसीआई में हितों के टकराव के बहुचर्चित मसले पर कहा कि इस पर फैसला खेल से जुड़े विभिन्न हितधारकों से बात करने के बाद दिया जायेगा.
उन्होंने कहा, हितों के टकराव का मसला उठा था. एक बार सभी हितधारकों से बातचीत की प्रक्रिया पूरी करने के बाद हम इस पर अपने विचार रखेंगे. यह प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है. यह आदेश दो व्यक्तियों और फ्रेंचाइजी की सजा की मात्रा तय करने तक सीमित है. न्यायमूर्ति लोढा ने कहा, हमने 40 – 45 लोगों से बात की. हमें अभी कुछ अन्य से मिलना है. एक बार जब इसे पूरा कर लेंगे तब हम फैसला करेंगे कि क्या दिशानिर्देश दिये जाने चाहिए. हमारा विचार सभी हितधारकों से इनपुट लेना है. यह केवल क्रिकेट प्रशासकों और राजनीतिज्ञों तक ही सीमित नहीं है.
न्यायमूर्ति लोढा ने निलंबित अधिकारियों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों पर टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, आपराधिक दायित्व से जुड़े पहलू पर हमने फैसला नहीं किया. न्यायमूर्ति लोढा से पूछा गया कि यदि इन दोनों फ्रेंचाइजी के मालिक बदल जाते हैं तो क्या उन्हें ऐसे में आईपीएल में खेलने की अनुमति दी जायेगी, उन्होंने कहा कि इस पर बीसीसीआई को फैसला करना है.
उन्होंने कहा, हमारे सामने सवाल उठाया गया लेकिन बीसीसीआई को यह फैसला करना है और क्या इसके लिए कोई कानूनी प्रावधान है. आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि हम मामले से जुड़े प्रत्येक पहलू पर गौर नहीं कर सकते हैं. न्यायमूर्ति लोढा से पूछा गया कि क्या समिति ने इस पहलू पर विचार किया कि इस फैसले से दोनों निलंबित फ्रेंचाइजी टीमों से जुडे खिलाड़ियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, उन्होंने कहा कि खेल व्यक्तियों से बड़ा होता है.
उन्होंने कहा, खिलाडी उस फ्रेंचाइजी से नहीं जुडेंगे जिसे निलंबित किया गया है. हमारा मानना था कि यदि क्रिकेट व्यक्तियों से बड़ा है तो फिर खिलाड़ियों और फ्रेंचाइजी को वित्तीय नुकसान महत्वपूर्ण नहीं है. आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सजा सुनाने वाली लोढ़ा कमेटी के सदस्य जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि हम उन कार्यों से संतुष्ट हैं, जो हमने किये. आप कुछ देर इंतजार करें, फैसला सबके सामने होगा.
Satisfied with the work we have done. Wait for some time for verdict-Justice RM Lodha on IPL spot fixing verdict pic.twitter.com/LHVsgf3t5b
— ANI (@ANI) July 14, 2015
There should be a separate ministry for cricket, BCCI is like Ali Baba and 40 friends-Kirti Azad pic.twitter.com/p5f6e2KKMT
— ANI (@ANI) July 14, 2015
I am happy with the probe and I am sure today truth will win-Aditya Verma,Petitioner in IPL fixing case pic.twitter.com/jI07LH4XDN
— ANI (@ANI) July 14, 2015
वहीं पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने क्रिकेट को बचाकर रखने के लिए इसके लिए अलग से एक मंत्रालय बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि अभी बीसीसीआई अली बाबा चालीस चोर की तरह है. आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने उम्मीद जतायी है कि आज सच की विजय होगी.
गौरतलब है कि लोढ़ा कमेटी का गठन सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए किया था.स्पॉट फिक्सिंग मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा के खिलाफ आरोप को सही ठहराया था और उनके लिए सजा का निर्धारण करने की जिम्मेदारी लोढ़ा कमेटी को सौंपी थी. इस कमेटी में जस्टिस लोढ़ा सहित जस्टिस अशोक भान और जस्टिस आर वी रवींद्रन हैं.