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सौर ऊर्जा से 1932 मेगावाट बिजली के उत्पादन की संभावना
रांची : झारखंड में सौर ऊर्जा के 1932 मेगावाट के पावर प्लांट लगने की संभावना है. 2020 तक राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा के 2000 मेगावाट के पावर प्लांट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. सरकार को प्राप्त अबतक के प्रस्तावों से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश होंगे. […]
रांची : झारखंड में सौर ऊर्जा के 1932 मेगावाट के पावर प्लांट लगने की संभावना है. 2020 तक राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा के 2000 मेगावाट के पावर प्लांट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
सरकार को प्राप्त अबतक के प्रस्तावों से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश होंगे. ऊर्जा विभाग और जेरेडा द्वारा इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा के प्लांट लगे. केंद्र सरकार द्वारा ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सोलर पावर प्लांट के लिए राज्य सरकारों को खासतौर पर निर्देश दिये गये हैं.
जेरेडा के परियोजना पदाधिकारी अरविंद कुमार बताते हैं कि अभी तक झारखंड में केवल 16 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट लग चुके हैं, जिसमें 14 मेगावाट का पावर प्लांट देवघर में लगा है.
जिसे देवघर शहर में आपूर्ति की जाती है. वहीं दो मेगावाट के पावर प्लांट सरायकेला-खरसावां में लगा है. ये सभी प्लांट भारत सरकार की जेनरेशन बेस्ड इन्सेंटिव योजना के तहत लगाये गये थे. 18 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली झारखंड बिजली वितरण निगम को दी जाती है. निगम पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करता है. शेष राशि भारत सरकार द्वारा बतौर सब्सिडी दी जाती है. परियोजना पदाधिकारी ने बताया कि झारखंड में सौर ऊर्जा की अपार संभावना है.
कारण है कि यहां साल भर में 300 दिन धूप रहती है, जबकि अन्य राज्यों में 250 दिन के करीब ही धूप रहती है.बड़ी कंपनियों का प्रस्ताव है : सौर ऊर्जा के क्षेत्र में केइएमपी ग्रीन एनर्जी ने एक हजार मेगावाट के पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है, जिस पर 10752 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव है. कंपनी ने 8.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली देने का भी प्रस्ताव दिया है. वरीं फैंसा ने 100 मेगावाट के पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है. इनके अलावा ब्लू चीप ने सौ मेगावाट, सेन्फ्रा ने 250 मेगावाट का प्रस्ताव दिया है. सेन्फ्रा द्वारा 1920 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया गया है. दूसरी ओर सरकार सौर ऊर्जा नीति लाने जा रही है.
ऊर्जा विभाग द्वारा सौर ऊर्जा पावर प्लांट लगाने के लिए तीन एमओयू किये गये हैं, जिसमें हिंदुस्तान पावर ने 100 मेगावाट, मिलिनियम पावर ने 10 मेगावाट व एक्मे पावर ने 50 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए एमओयू किये हैं.
आठ हजार एकड़ जमीन की जरूरत होगी
जेरेडा के परियोजना पदाधिकारी ने बताया कि एक मेगावाट के सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए लगभग चार एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है. यानी दो हजार मेगावाट के लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगभग आठ हजार एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी. कंपनियां पहले खुद ही जमीन की तलाश कर रही हैं.
कहा जा रहा है कि पहाड़ों का इस्तेमाल सोलर पैनल लगाने में किया जा सकता है, ताकि प्रकृति को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचे और विस्थापन भी न हो.
जो प्रस्ताव मिले हैं
फैंसा हैदराबाद : 100 मेगावाट
ब्लू चिप मारकॉम कोलकाता : 100 मेगावाट
सेनफ्रा लिमिटेड हरियाणा : 250 मेगावाट
केइएमपी ग्रीन एनर्जी हैदराबाद : 1000 मेगावाट
वेल्सपन : 100 मेगावाट
एक्मे पावर : 100 मेगावाट
एस्सेल इंफ्रा : 100 मेगावाट
मिनर्वा : पांच मेगावाट
इस्ट सोलर : एक मेगावाट
सोलर पावर प्लांट जो लगे हैं
देवघर में दो-दो मेगावाट के सात : 14 मेगावाट
खरसावां में दो मेगावाट का एक : दो मेगावाट
एमओयू जो हुए हैं
हिंदुस्तान पावर : 100 मेगावाट
मिलिनियम पावर : 10 मेगावाट
एक्मे पावर : 50 मेगावाट
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