उक्त बातों की जानकारी देते हुए बिहार स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन अखौड़ी मंगला चरण श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले वर्ष बिहार स्टेट बार काउंसिल के प्रांगण में पहली बार हुई बैठक में पूरे बिहार के अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एवं सचिव की बैठक बुलायी गयी थी. जिसमें यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था कि व्यवहार न्यायालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अब तक उच्च न्यायालय नाकाम रही है.
निम्न न्यायालयों में न्यायिक प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को लेकर हमेशा टीका-टिप्पणी किया जाता रहा है. ऐसे में निमA न्यायालयों में भ्रष्टाचार से निवारण के लिए स्टेट विजिलेंस का हस्तक्षेप आवश्यक हो गया है. इसके लिए सरकार एवं उच्च न्यायालय को पूर्व में भी निर्णय लेने के संदर्भ में कहा गया था. लेकिन अब तक किसी भी ओर से सकारात्मक पहल नहीं की गयी है. उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में यह आवश्यक हो गया है कि बिहार के अधिवक्ता निमA न्यायालयों में अपनी आवाज को रखने के लिए न्यायिक प्रक्रिया से बुधवार को अलग रहेंगे. उन्होंने कहा कि इसकी सूचना जिला अधिवक्ता संघ कटिहार सहित सभी अधिवक्ता संघों को दे दी गयी है.