नयी दिल्ली : सरकार सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का दायरा बढाने की तैयारी कर रही है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार अटल पेंशन योजना जैसी प्रमुख योजनाओं के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के अलावा इस तरह की योजनाओं का नया संस्करण भी लाएगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मई में कई सामाजिक सुरक्षा योजनाएं मसलन प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) शुरू की हैं. इन योजनाओं का मकसद सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है.
जेटली ने वित्त मंत्रालय से संबद्ध सलाहकार समिति की दूसरी बैठक में कहा, हमारी अर्थव्यवस्था समृद्ध हो रही है. इसके साथ ही इन योजनाओं को और अधिक संसाधनों का आवंटन किया जाएगा. सुधार के साथ इनके नए संस्करण भी लाए जाएंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.वित्त मंत्री ने बताया कि अभी तक 7.84 करोड लोगों ने पीएमएसबीवाई के तहत पंजीकरण कराया है, जबकि पीएमजेजेबीवाई से 2.70 करोड लोग जुडे हैं. 4.69 लाख अंशधारक एपीवाई में शामिल हुए हैं.
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि बेहतर नीति गठन व संयोजन के लिए सरकार का इरादा विभिन्न विभागों व मंत्रालयों द्वारा चलायी जा रही विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एक छत के नीचे लाने का है.
वित्त मंत्री ने कहा कि फिलहाल सिर्फ 11 फीसद आबादी ही पेंशन योजनाओं के दायरे में है. सिर्फ 20 प्रतिशत लोग ही बीमित हैं. सरकार इस स्थिति में सुधार चाहती है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिल सके.
सरकार की वित्तीय समावेशी पहल के बारे में जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना काफी सफल रही है. अभी तक इस योजना के तहत 16.73 करोड़ खाते खोले गए हैं और इनमें कुल जमा राशि 19,990 करोड रुपये है.
उन्होंने कहा कि सरकार अंतत: समाज के सभी वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाएगी. इसके तहत वह सूक्ष्म बीमा, सूक्ष्म पेंशन व सूक्ष्म रिण योजनाएं शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि एक साल के अंदर ही सरकार जनधन से जन सुरक्षा की ओर कदम बढा चुकी है.वित्तीय सेवा सचिव हसमुख अधिया ने इन योजनाओं के क्रियान्वयन के मौजूदा स्तर पर प्रस्तुतीकरण दिया. अधिया ने बताया कि जनधन योजना के तहत शून्य बैलेंस के खातों की संख्या 75 प्रतिशत से 52 फीसद पर आ गयी है.
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