फिर संबंधित पुलिस पदाधिकारी के पास ले जाया जायेगा. फिर वहां से तुरंत कार्रवाई शुरू की जायेगी. यह सब कुछ कंप्यूटर में दर्ज होगा. थाना के दूसरे पार्ट इंवेस्टीगेशन रूम, नेटवर्क एंड कनेक्टिविटी रूम, ऑपरेशनल रूम आदि अलग-अलग होंगे. थाना के हर हिस्से में सीसीटीवी लगा हुआ होगा. स्मार्ट थाना इसी वित्तीय वर्ष पूरा करना है. स्मार्ट थाने के रिसेप्शन काउंटर पर पुलिस सहायता केंद्र का बोर्ड टंगा रहेगा. हेल्पलाइन डायल नंबर अंकित होगा. कॉरपोरेट ऑफिस की तरह रिसेप्शन काउंटर होगा.
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धनबाद, कतरास व राजगंज थाना बनेंगे स्मार्ट
धनबाद: स्मार्ट पुलिसिंग के लिए जिले के धनबाद, राजगंज व कतरास थाने को स्मार्ट थाना बनाया जायेगा. पुलिस मुख्यालय की मांग पर जिला पुलिस की ओर से पहले ही इससे संबंधित प्रस्ताव भेज दिया गया है. स्मार्ट थाना दो पार्ट में होगा. पहले पार्ट में कॉरपोरेट हॉस्पिटल मॉडल होगा. जिस तरह अस्पताल में काउंटर पर […]
धनबाद: स्मार्ट पुलिसिंग के लिए जिले के धनबाद, राजगंज व कतरास थाने को स्मार्ट थाना बनाया जायेगा. पुलिस मुख्यालय की मांग पर जिला पुलिस की ओर से पहले ही इससे संबंधित प्रस्ताव भेज दिया गया है. स्मार्ट थाना दो पार्ट में होगा. पहले पार्ट में कॉरपोरेट हॉस्पिटल मॉडल होगा. जिस तरह अस्पताल में काउंटर पर जाने के बाद मरीज के इलाज की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, उसी तरह थाना के स्वागत कक्ष में पहुंचने के बाद पीड़ित व्यक्ति की पहले समस्या पूछी जायेगी.
आवेदन के बाद प्राप्ति रसीद
शिकायत लेकर एसपी से मिलने आने वालों या आवेदन देने वालों को इधर-उधर चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है. एसपी ऑफिस में अब नियंत्रण कक्ष काम करने लगा है, जहां फरियादी एसपी के नाम आवेदन जमा कराते हैं. आवेदन की फोटोकॉपी के साथ उन्हें एक प्राप्त रसीद नंबर के साथ दी जाती है. नियंत्रण कक्ष से संबंधित आवेदनों को स्क्रूटनी कर डीएसपी, इंस्पेक्टर व संबंधित थानों को भेजा जाता है. निर्धारित अवधि के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी जाती है.
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