पटना : बिहार विधान परिषद् की 24 सीटों के परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि इस परिणाम ने हमें अलर्ट कर दिया है, यह अच्छी बात है. किसी भी चुनाव परिणाम के बाद पार्टी उस पर विचार करती है और इस पर भी विचार होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि विधान परिषद चुनाव आम जनता का चुनाव नहीं था. यह सीमित जनप्रतिनिधियों का चुनाव था. चुनाव में किसी पार्टी की भूमिका नहीं होती. इसमें प्रत्याशियों की भूमिका होती है कि वे किस तरह से जो सीमित मतदाता हैं, उन्हें अपने पक्ष में मतदान करने के लिए आकर्षित करते हैं. जदयू कार्यालय में पूर्व विधायक अरुण कुमार सिंह की शोकसभा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इस चुनाव को सहज ढंग से लिया था, प्रतिष्ठा के साथ नहीं जोड़ा था. भाजपा ही इसे प्रतिष्ठा के साथ जोड़ रही थी. साधन संपन्न लोग जो थे, वे खुश हो रहे हैं.
इस चुनाव का आम लोगों की भावना से कोई लेना-देना नहीं है. किसी भी चुनाव में जीत मिलने के बाद सबको अच्छा लगता है. 2009 में हुए उपचुनाव में एनडीए के साथ थे, उसमें बहुत नहीं जीते थे, लेकिन 2010 में हमलोग ने स्वीप किया था. अब विप चुनाव के परिणाम से भाजपा खुशफहमी में रहना चाहती है, तो रहे. इस चुनाव में सीमित मतदाता होते हैं. सीमित लोगों को अपने पक्ष में जिन लोगों ने गोलबंद कर दिया, उनकी जीत हो गयी. सीएम ने कहा कि भाजपा ने जिस तरह के उम्मीदवार उतारे, कहां-कहां से ढूंढ़ कर लाये, सबको पता है. उन्होंने कहा कि जहां तक पार्टी के कैडर का सवाल है, तो वह तो सिर्फ कह ही सकता है, लेकिन पार्टी के कार्यकर्ता परचा पर चर्चा, युवा सम्मेलन, किसान सम्मेलन, भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन चला रहे थे.