आसनसोल : आगामी एक अगस्त से भगवान शिव का प्रिय मास सावन शुरू हो जायेगा. स्थानीय शनि मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित तुलसी तिवारी के अनुसार इस बार चार सोमवारी व्रत पड़ेंगे. पहला सोमवारी तीन अगस्त, दूसरा दस अगस्त, तीसरा 17 अगस्त व चौथा अंतिम सोमवारी 24 अगस्त को है. 29 अगस्त को रक्षा बंधन है. इस दिन सावन माह का समापन हो जायेगा. उन्होंने कहा कि 31 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है.
इस दिन शाम 4.34 बजे तक पूर्णिमा है और इसके बाद प्रतिपदा लग जायेगी, जो एक अगस्त को दिन के 2.36 बजे तक रहेगी. 30 जुलाई को व्रत की पूर्णिमा है. इसी दिन शाम 6.11 बजे से पूर्णिमा लग जायेगी. सावन के पहले पक्ष में पंचमी तिथि क्षय है, वहीं दूसरे पक्ष में षष्ठी तिथि की वृद्धि है और त्रयोदशी तिथि क्षय है.
बांग्ला पंचांग के अनुसार 18 से
बांग्ला पंचांग के अनुसार 18 जुलाई से सावन माह शुरू हो रहा है और इसका समापन 17 अगस्त को होगा. 20 जुलाई को पहला व 17 अगस्त को अंतिम सोमवारी है. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक व तमिलनाडु के लोगों का सावन 15 अगस्त से शुरू हो रहा है. इसका समापन 13 सितंबर को होगा. 17 अगस्त को पहली सोमवारी व सात सितंबर को अंतिम सोमवारी व्रत है.
गोरखालियों का सावन 17 से
गोरखालियों का सावन 17 जुलाई से शुरू हो रहा है. 17 अगस्त को इसका समापन होगा. पंडित भीमलाल पाठक ने कहा कि इस बार पांच सोमवार पड़ रहा है, जो काफी शुभ माना जा रहा है. 20 जुलाई को पहला व 17 अगस्त को अंतिम सोमवारी है.
इसी दिन से वर्षा ऋतु का भी आरंभ हो जायेगा और भगवान सूर्य दक्षिणायन होना शुरू हो जायेंगे. सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. उन्होंने कहा कि सावन माह में साग का त्याग करना चाहिए. इसके अलावा सात्विक भोजन करना चाहिए. पूरे माह तक बाबा को जलाभिषेक करना चाहिए. इसका विशेष महत्व है. प्रत्येक दिन न हो सके, तो कम-सेक म सोमवार को जलाभिषेक कर लें.