नयी दिल्ली : व्यापमं घोटाले के सारे मामले सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सीबीआइ को सौंपे जाने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गयी है. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक प्रेस काफ्रेंस करके कहा कि मैं कोर्ट का आभार व्यक्त करता हूं जिसने व्यापमं घोटाला और इससे जुड़े मौत के मामले को सीबीआइ के हवाले किया है. इस फैसले से लोगों का विश्वास न्यायालय पर बढ़ेगा है.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि यदि दो साल पहले भगवान ने यह सदबुद्धि चौहान को दी होती तो उन्हें आज यह दिन नहीं देखना पड़ता. इस मामले पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह और शिवराज सिंह चौहान ने पलटी मारी वह देखने योग्य है. उन्होंने कहा कि भ्रष्ट राजनेता और दलाल बाहर खुले घूम रहे हैं जबकि निर्दोष जेल में हैं जो लोग जेल में बंद हैं उन्हें सरकारी गवाह बनाया जाए.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह टू जी से भी बड़ा घोटाला है क्योंकि इसमें सैकडों लोग फंसे हैं और कई तो फरार हैं. मुख्यमंत्री 2006 से इस घोटाले में संलग्न हैं. अब वे यह नहीं कह पायेंगे कि ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’.
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौड़ ने कहा कि कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं. यह सरकार के लिए झटका नहीं है बल्कि मामले की जांच के बाद ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ सामने आ जाएगा. सरकार ने राजधर्म का पालन किया है. हमें न्याय मिलेगा. मध्यप्रदेश के एक अन्य मंत्री उमा शंकर गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहनीय है. हम पहले ही चाहते थे कि मामले की जांच सीबीआइ करे.
भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा कि विपक्ष जो बिना सिर पैर के सरकार पर आरोप लगा रहा है. उन्हें अब जवाब मिल जाएगा. भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान की ओर से मामले की सीबीआइ जांच की अपील की गई थी जिसे आज कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. यह स्वागत योग्य है.
आम आदमी पार्टी के नेता आशिष खेतान ने कहा है कि चौहान को अब अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है. उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.