मुंबई : पिछले दिनोंजयपुर से आगरा आते वक्त हेमा की कार एक ओल्टो से टकरा गयीथी.कार में सवार चार लोग बुरी तरह घायल हो गये थे और एक बच्ची की मौत हो गयीथी. इस पूरे हादसे के लगभग सात दिन के बाद हेमा मालिनी ने ट्वीट करके इस दुर्घटना पर सफाई दी. अपनी छवि खराब करने का आरोप मीडिया पर लगाया और शेम ऑन यू के साथ गॉड ब्लेश यू भी कहा उनके यह दोनों वाक्य इस तरह है, जैसे वह अपना बचाव भी कर रही हैं और गलतियों पर पल्ला भी झाड़ रही हैं.
हेमा मालिनी के प्रशंसक सहित मीडिया के सभी लोगों को हेमा मालिनी की सेहत को लेकर चिंता थी. उनके स्वास्थ को लेकर पल- पल की खबर मीडिया देता रहा. लेकिन इसके साथ ही मीडिया ने यह सवाल भी खड़े किये कि क्या वीवीआईपी ट्रीटमेंट का कुछ हिस्सा अगर उस बच्ची को मिलता तो उसकी जान बच सकती थी. सोशल मीडिया पर भी यह सवाल खूब उठा हेमा मालिनी पूरे दिन ट्रेंड करती रही और लोगों ने बच्ची की मौत पर लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया.
क्या सोशल मीडिया भी छवि खराब करने में लगा है?
सोशल मीडिया पर हेमा मालिनी के विरोध में उठते स्वर ज्यादा मुखर हुए. लोगों ने सवाल किया कि क्या बच्ची की जान बचायी जा सकती थी. अस्पताल में बच्ची की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई. मीडिया ने भी बच्ची के माता पिता का बयान दिखाया जिसमें उन्होंने माना कि अगर समय रहते उनकी बच्ची का ईलाज हो गया होता तो उसकी जान बच सकती थी. हेमा मालिनी ने ट्वीट करके सीधे- सीधे बच्ची के पिता को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया.
https://twitter.com/ultimate_racers/status/618654149257723904
उन्होंने कहा, अगर बच्ची के पिता ने नियमों का पालन किया होता तो यह दुर्घटना नहीं होती. जबकि उनके ड्राइवर पर तेज गति से वाहन चलाने का आरोप लगा है. हेमा मालिनी की ट्वीट पर ही एक व्यक्ति ने सवाल किया है मैंने सुना कि आपने भी सीट बेल्ट नहीं बाधा था. बच्ची के पिता ने भी बयान दिया है कि उन्होंने पूरी सावधानी बरतते हुए टर्न लिया था लेकिन अचानक गाड़ी कैसे आ गयी उन्हें पता नहीं चला. क्या किसी को पूरी जांच से पहले आरोपी साबित कर देना सही है.
@dreamgirlhema may be lil one survived!! I wish you showed more sensitivity and ask to give same VVIP treatment to that family!! Isn't it?
— Urja (@urjasodha) July 8, 2015
वीवीआईपी ट्रीटमेंट बनाम लापरवाही
हेमा मालिनी की कार के दुर्घटना के तुरंत बाद उन्हें इलाज के लिए जयपुर शिफ्ट कर दिया गया जबकि दूसरी तरफ ओल्टो में घायल परिवार का ईलाज पहले स्थानीय अस्पताल में कराया गया. जब मामला गंभीर हो गया तब उन्हें जयपुर शिफ्ट किया गया. इस दुर्घटना में जिस बच्ची की मौत हुई उसके चाचा ने भी एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि वह आधे घंटे तक पड़ी रही और उसका ईलाज नहीं हुआ. दूसरी तरफ जयपुर में डॉक्टरों ने हेमा मालिनी की फटाफट जांच की और उन्हें जरूरी सुविधा उपलब्ध करायी. विधायक और सांसदों की लाइन लग गयी हेमा का हालचाल पूछने के लिए जिसके कारण डॉक्टरों पर भी अधिक दबाव पड़ा. ईलाज के दौरान राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी पहुंची और हेमा का हालचाल लिया हालांकि उन्होंने पीड़ित परिवार से भी मुलाकात की लेकिन यह सवाल बना रहा है कि जिस वक्त नन्ही से जान को बचाने के लिए उचित ईलाज की जरूरत थी तो उस पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया
गलती किसकी ?
इस सड़क दुर्घटना में किसकी गलती थी यह जांच का विषय है जबकि कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हेमा मालिनी जिस मसर्डिज में सवार थी उसकी स्पीड बहुत ज्यादा था. ओल्टो की हालत देखकर भी यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि टक्कर कितनी तेज हुई. जाहिर है कि जब ओल्टो टर्न ले रही थी तो उसकी स्पीड कम ही होगी. हालांकि यह पूरी जांच के बाद ही साफ हो पायेगा कि किसकी गलती से यह सड़क हादसा हुआ.
अखबार में पढने को मिला कि सीट बेल्ट तो आपने भी नहीं बाँधी हुई थी @dreamgirlhema जी !
— Satish Yadav (@isatishyadav) July 8, 2015