उन्होंने कहा कि भगवान शिव और राम में तीन तरह के संबंध हैं. पहला सेवक, दूसरा सखा व तीसरा स्वामी का. दोनों एक-दूसरे को सेवक, दोस्त व स्वामी मानते हैं. इसका उदाहरण देते हुए कहा कि बाल कांड से अरण्य कांड तक भगवान शिव स्वामी व भगवान राम सेवक हैं. किस्किंधा कांड से उत्तर कांड तक श्रीराम स्वामी व शिव सेवक हैं.
सेवा के लिए तो शंकर जी मूर्ति रूप से श्रीहनुमत रूप में सुंदर कांड में विराजमान हैं. प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. पूरे मंडल परिसर को सजाया गया है. देवी-देवताओं का भव्य श्रृंगार किया गया है. इसे सफल बनाने में ज्ञानवती बाजला, कुंजलता छावछरिया, माया डालमिया, सुमित्र ड्रोलिया, रीता बथवाल, सीता बथवाल, किरण रुंग्टा, सरोज सिंहानिया, सरला अग्रवाल, किशनी बाई, पुष्पा शर्मा, प्रमीला बाजला, मनोरमा पांडेय आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी.