सरकार ने बताया, फूड सेफ्टी के लिए 86 पद सृजित होंगे, स्वीकृति के लिए कैबिनेट के पासमामले की अगली सुनवाई चार अगस्त को होगीमामला राज्य में खाद्य पदार्थों में मिलावट कर बिक्री करने कारांची : राज्य में दुग्ध सहित अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट कर बिक्री को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के जवाब को देखते हुए एक माह का समय प्रदान कर दिया. खंडपीठ ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट कर बिक्री करना खतरनाक है, इस पर रोक लगाना जरूरी हो गया है. इसके लिए फूड सेफ्टी एक्ट के तहत प्रभावी सिस्टम तैयार करने में अधिकारियों के लेथार्जिक एप्रोच को बरदाश्त नहीं किया जायेगा. खंडपीठ ने सरकार के आग्रह के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए चार अगस्त की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने खंडपीठ को बताया कि फूड सेफ्टी के लिए विभिन्न रैंक के पदाधिकारियों-कर्मियों के 86 पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है. पद सृजन का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए कैबिनेट को भेज दिया गया है. वह शीघ्र स्वीकृत हो जायेगा. सरकार नियुक्ति व सेवा शर्त नियमावली भी तैयार कर रही है. नियमावली तैयार होने के बाद नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. जेपीएससी के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी. उल्लेखनीय है कि दुग्ध सहित अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
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खाद्य पदार्थों में मिलावट मामले में सरकार को मिला समय
सरकार ने बताया, फूड सेफ्टी के लिए 86 पद सृजित होंगे, स्वीकृति के लिए कैबिनेट के पासमामले की अगली सुनवाई चार अगस्त को होगीमामला राज्य में खाद्य पदार्थों में मिलावट कर बिक्री करने कारांची : राज्य में दुग्ध सहित अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट कर बिक्री को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर […]
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