कटिहार: सनबायो जूट मिल (पुरानी जूट मिल) का खुलने और बंद होने का चोली दामन का रिश्ता है. ताजा मामले के अनुसार यह मिल पिछले दिनों जून में बंद हो गया है और खुलने का दूर-दूर तक गुंजाइश नहीं दिख रहा है. वहीं मिल के बंद होने से कोई जन प्रतिनिधि और ना ही जिला प्रशासन की ओर से मिल खुलवाने की पहल की जा रही है. मिल बंद होने से मिल में कार्य कर रहे सैकड़ों कामगारों के समक्ष जहां एक ओर रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गयी है.
मिल बंद होने का सिलसिला एक नजर में . 3 मई 2014 को मिल प्रबंधन के द्वारा मिल में प्रोडक्शन कम होने का हवाला देकर बंद कर दिया गया था. जिसके बाद कामगारों ने मिल के प्रबंधक से बकाये की मांग की गयी थी. बकाया नहीं देने पर कामगार और मिल प्रबंधन के लोगों के साथ हाथापाई भी हुई. फिर इस मसले को भुगतान कर सुलझा लिया गया, लेकिन मिल बंद रहा. 8 अक्तूबर 2014 को मिल खुला. 9 महीने मिल चलने के बाद फिर जून 2015 से पुन: प्रोडक्शन कम और लाइन नहीं मिलने की बात कह बंद कर दिया, जो अब तक बदस्तूर बंद है.
श्रम संसाधन मंत्री ने की थी पहल
सूबे के श्रम संसाधन विभाग के काबीना मंत्री दुलाल चंद्र गोस्वामी की पहल पर 8 अक्तूबर को मिल चालू किया गया था. पुन: मिल बंद होने के बाद प्रभात खबर की ओर से मंत्री श्री गोस्वामी को अवगत कराया गया है ताकि मिल चालू होने से कामगारों को काम मिल सके.
क्या कहते हैं कामगार
पुराना जूट मिल के कामगार मुख्तार खान, फेकू, मो मोजिम, मो मोकिम, लक्ष्मी पोद्दार, मो शरीफ, सज्जू ने बताया कि अगर जन प्रतिनिधि व जिला प्रशासन इस ओर कार्रवाई करते तो हमलोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या नहीं होती.