ताशकंद: भारत और उजबेकिस्तान ने परमाणु उर्जा, रक्षा और व्यापार समेत महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढाने का निर्णय किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उजबेक राष्ट्रपति इस्लाम करीमोव के बीच चर्चा के दौरान दोनों देशों ने ‘विस्तारित पडोस’ में बढते आतंकवाद पर साझा चिंता व्यक्त की.
मध्य एशिया एवं रुस की आठ दिवसीय यात्रा के पहले चरण में उजबेकिस्तान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां राष्ट्रपति इस्लाम करीमोव से द्विपक्षीय और अफगानिस्तान सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की.
बातचीत के बाद दोनो देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग के तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किये जिनमें विदेश कार्यालय, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग को बढावा देने के लिए समझौता शामिल है.
ताशकंद पहुंचने पर मोदी का उनके उज्बेक समकक्ष शवकत मिरोमोनोविच मिर्जियोयेव ने हवाई अड्डे पर पारंपरिक स्वागत किया. मोदी और करीमोव के बीच हुई बातचीत के दौरान सामरिक, आर्थिक और उर्जा क्षेत्रों में संबंधों को बेहतर बनाने के अलावा अफगानिस्तान की स्थिति सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों की समीक्षा की गई.
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ मैंने उजबेकिस्तान से अपनी यात्र शुरु की है जो भारत के लिए इस देश के महत्व को दर्शाता है, न केवल इस क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे एशिया के लिए. राष्ट्रपति करीमोव और मैंने भारत और उजबेकिस्तान के बीच कनेक्टिविटी को और बढाने की विभिन्न पहलों पर चर्चा की.
मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति सहित अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई और इस देश में शांति एवं स्थिरता के महत्व को दोहराया. इस संदर्भ में मोदी ने कहा, ‘‘ हमने दोनों देशों के ‘‘विस्तारित पडोस’ में बढते उग्रवाद और आतंकवाद के खतरों के बारे में चिंताओं को साझा किया.’’