एक तरफ सांसदों के वेतन व पेंशन इत्यादि में इजाफा होने जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल के विधायक एमएलए फंड पाने के मामले में अन्य राज्यों के विधायकों से काफी पीछे हैं. वषार्ें से एमएलए फंड बढ़ाने की मांग उठ रही है, पर आर्थिक तंगी के कारण सरकार कोई फैसला लेने में हिचकिचा रही है. हालांकि इस मांग को सभी दलों के विधायकों का समर्थन हासिल है, पर लगता है कि अभी बंगाल के विधायकों को कुछ और इंतजार करना होगा. राज्य एमएलए फंडझारखंड 1 करोड़ 50 लाख रुपयेबिहार 1 करोड़ 50 लाख रुपयेकर्नाटक 1 करोड़ 50 लाख रुपयेपंजाब 2 करोड़ रुपयेपश्चिम बंगाल 60 लाख रुपये विधायकों का कहना है कि साल में 60 लाख रुपये बेहद कम होते हैं. एक अच्छा एंबुलेंस खरीदने पर 6-7 लाख रुपये खर्च होते हैं. छोटा पुल बनाने प 10-15 लाख रुपये लग जाते हैं. मिड-डे मिल के लिए रसोईघर तैयार करने में 5-6 लाख रुपये की लागत आती है. ऐसे में चाह कर भी विधायक काफी काम नहीं कर पाते हैं. एमएलए फंड संबंधित स्टैंडिंग कमेटी ने भी एमएलए फंड में इजाफा करने की सिफारिश कर दी है. अब सब कुछ वित्त मंत्रालय पर निर्भर करता है.
BREAKING NEWS
Advertisement
अन्य राज्यों से कम मिलता है बंगाल के विधायकों को एमएलए फंड
एक तरफ सांसदों के वेतन व पेंशन इत्यादि में इजाफा होने जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल के विधायक एमएलए फंड पाने के मामले में अन्य राज्यों के विधायकों से काफी पीछे हैं. वषार्ें से एमएलए फंड बढ़ाने की मांग उठ रही है, पर आर्थिक तंगी के कारण सरकार कोई फैसला लेने में […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement