क्योंकि, ऐसा नहीं होने पर शहर में सफाई रखने के प्रयास को ही धक्का लगेगा. वजह यह कि बॉटम नाले से गिरनेवाला शहर का गंदा पानी शहर में ही फल्गु को बुरी तरह प्रदूषित कर देगा. इससे उच्च न्यायालय के उस आदेश का भी उल्लंघन होगा, जिसमें फल्गु को प्रदूषणमुक्त कराने को कहा गया है. ये बातें सामाजिक संस्था प्रतिज्ञा की तरफ से गया नगर आयुक्त को भेजे गये एक पत्र में कही गयी हैं.
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बॉटम नाले का पानी शहर से बाहर निकालने का हो इंतजाम
गया. इन दिनों में शहर के प्रमुख निकासी नालों में से एक, बॉटम नाले की सफाई के लिए नगर निगम बड़े पैमाने पर प्रयास चला रहा है, जो सराहनीय है. लंबे समय से यह काम नहीं हो सका था. मौजूदा निगम प्रशासन इसे प्रभावी तरीके से कराने की कोशिश कर रहा है. पर, लगे हाथ […]
गया. इन दिनों में शहर के प्रमुख निकासी नालों में से एक, बॉटम नाले की सफाई के लिए नगर निगम बड़े पैमाने पर प्रयास चला रहा है, जो सराहनीय है. लंबे समय से यह काम नहीं हो सका था. मौजूदा निगम प्रशासन इसे प्रभावी तरीके से कराने की कोशिश कर रहा है. पर, लगे हाथ इस बात का ध्यान भी रखना होग कि बॉटम नाले से होकर गुजरनेवाले गंदे पानी को किसी भी तरह महादेव घाट के पास फल्गु में गिरने से रोका जा सके.
संस्था के अध्यक्ष बृजनंदन पाठक ने शहर में साफ-सफाई के लिए चल रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि नगर निगम इस वक्त चुनौतीपूर्ण काम कर रहा है, जो अत्यंत सराहनीय है. ये काम वर्षो से लंबित थे. बस, थोड़ी सावधानी जरूरी है, जिससे शहर की सफाई के मकसद में निगम को पूरी कामयाबी मिले. श्री पाठक ने कहा है कि अगर बॉटम नाले को अतिक्रमण व दूसरे अवरोधकों से मुक्त करा कर दुरुस्त किया जाता है, तो लगे हाथ इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि इससे होकर बहनेवाला गंदा पानी महादेव घाट के पास फल्गु में न गिरे. क्योंकि, पर्व-त्यौहार के लिहाज से ये घाट शहर के लोगोंे के लिए महत्वपूर्ण जगह हैं.
श्री पाठक के मुताबिक, नाले का बहाव इस तरह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इससे होकर निकलनेवाला गंदा पानी शहर के बाहर जाकर गिरे. इससे शहर भी साफ रहेगा और शहर के करीब फल्गु में प्रदूषण भी नहीं बढ़ेगा.
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