रामपुर : एक व्यक्ति को उसकी चोरी गयी एक दर्जन मुर्गियां वापस दिलाने के लिए मदद की खातिर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक द्वारा हस्तक्षेप किये जाने के बाद राज भवन को कई ऐसे अनुरोध मिले हैं जिनमें लोगों ने अपने पालतू जानवरों का पता लगाने के लिए सहायता का अनुरोध किया है. रामपुर में इमली इस्मत खान के निवासी रजमीक खान ने नाइक को एक ‘शिकायत’ भेजी है कि उनके कुत्ते की कथित चोरी के सिलसिले में गंज पुलिस स्टेशन ने प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार कर दिया है.
खान ने राज भवन को ईमेल से भेजे पत्र में कहा कि जानवरों के प्रति राज्यपाल के सहानुभूतिपूर्ण रुख से अवगत होने के बाद भी पुलिस ने शिकायत नहीं दर्ज की जबकि राजभवन के द्वार उन सब के लिए खुले हैं जो अपनी शिकायतें एवं पीडा बताना चाहते हैं. इस नुकसान से दुखी खान ने कहा कि उनका पालतू कुत्ता उनके लिए परिवार के सदस्य की तरह था और उन्होंने उसके आराम के लिए एक एयर कंडीशनर भी लगवा दिया था.
रामपुर के ही एक अन्य निवासी मुइन पठान नाराज हैं क्योंकि उनके लापता बकरे का पता लगाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. उन्होंने एक शिकायत में कहा, ‘मेरे ईमेल अनुरोध के बाद भी मेरे बकरे की चोरी के सिलसिले में कोई कार्रवाई नहीं शुरू की गयी. आखिरकार बकरे की कीमत मुर्गियों से ज्यादा होती है.’ पालतू जानवरों के लापता होने की शिकायतें राज भवन तक पहुंचने के बीच राष्ट्रीय लोकदल की रामपुर इकाई के प्रमुख ने कहा, ‘जब उत्तर प्रदेश में मुर्गियां, बकरे और पालतू कुत्ते तक सुरक्षित नहीं हैं, तो किस प्रकार आदमी सुरक्षित जीवन की उम्मीद कर सकता है.’
करीब दो हफ्ता पहले ही उनकी कार की चोरी हो गयी. इसकी शुरुआत उस समय हुयी जब करीब तीन महीने पहले फरहान उल्लाह खान की एक दर्जन मुर्गियों की चोरी हो गयी. पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर खान ने राज्यपाल को एक ईमेल भेजा जिन्होंने पुलिस को मुर्गियों का पता लगाने का निर्देश दिया. हालांकि इस मामले में अब तक कोई प्रगति नहीं हुयी है. रामपुर हाल में उस समय चर्चा में था जब उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान की सात भैंसें चोरी हो गयी थीं. उन भैंसों का पता लगाने के लिए कई टीमें गठित की गयी थीं.