भारतीय हॉकी के नये हीरो युवराज वाल्मिकी और दविंदर वाल्मिकी अपने गांव अलहादपुर, उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ से 10 किलोमीटर दूर स्थित गांव, के हीरो बन गये हैं. इस छोटे से अत्यंत पिछड़े गांव के युवाओं का सपना अब युवराज और दविंदर की तरह बनकर अपने देश का नाम रोशन करना है.
अलहादपुर एक ऐसा गांव है, जहां खेल सुविधाओं की तो छोड़ दें, जीवन की बुनियादी सुविधाओं की भी व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण लोगों के सपने सच नहीं हो पाते हैं. लेकिन युवराज और दविंदर ने उन सपनों को पुनर्जीवित किया है. गांव वाले बताते हैं कि युवराज और दविंदर का परिवार भी काफी गरीब था.
उनके पिता खेतों में ढाई रुपये प्रतिदिन पर मजदूरी करते थे. घर में तंगहाली थी. बाद में वे गांव छोड़कर चलेगये और आज देश के लिए खेल रहे हैं. हॉकी विश्वलीग में वाल्मिकी बंधुओं ने शानदार प्रदर्शन किया है. इनके शानदार खेल की बदौलत भारत ने पोलैंड को हराया था.