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हल्दिया. कारखाने पर लगा सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस 600 श्रमिक बेरोजगार

हल्दिया. नुकसान का कारण दिखा कर हल्दिया के रोहित फेरो टेक में सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस लगा दिया गया. मंगलवार रात लगभग तीन बजे कारखाने के गेट पर यह नोटिस देखा गया. कंपनी के अचानक बंद हो जाने से लगभग 600 श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. श्रमिकों ने इसके […]

हल्दिया. नुकसान का कारण दिखा कर हल्दिया के रोहित फेरो टेक में सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस लगा दिया गया. मंगलवार रात लगभग तीन बजे कारखाने के गेट पर यह नोटिस देखा गया. कंपनी के अचानक बंद हो जाने से लगभग 600 श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. श्रमिकों ने इसके विरोध में कारखाने के गेट के सामने प्रदर्शन भी किया. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उन्हें नियंत्रित किया.
प्रबंधन के नोटिस में कहा गया है कि बिजली की अधिक कीमत व श्रमिकों के अधिक दिन के काम की मांग को लेकर लगातार नुकसान हो रहा है. बाध्य होकर सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस दिया गया है. हालांकि प्रबंधन की ओर से इस बाबत और कुछ नहीं कहा गया है. कंपनी के महाप्रबंधक निर्मल बक्शी को कई बार फोन करने पर भी उन्होंने फोन नहीं उठाया. कारखाने के एक श्रमिक गुलाम रहमान ने कहा कि ईद के पहले ही कंपनी के बंद हो जाने से सैकड़ों श्रमिकों को काफी समस्या का सामना करना पड़ेगा. आइएनटीटीयूसी नेता विभास नस्कर ने कहा है कि रात 3.20 बजे फोन के जरिये उन्हें इसकी खबर मिली. प्रबंधन ने रात के अंधेरे में नोटिस लगाया. श्रमिकों के साथ बातचीत कर यूनियन अगला कदम उठायेगी. उन्होंने कहा कि कई दिनों से प्रबंधन के आचरण को देख कर उन्हें मौजूदा स्थिति का आभास हो रहा था. कंपनी के छह फरनेस में से दो फरनेस को 2013 में बंद कर दिया गया. इसके बाद फरवरी में और दो फरनेस को प्रबंधन ने बंद कर दिया. इसके बाद दो दिन पहले ही कंपनी ने नोटिस देकर कहा कि नाइट शिफ्ट बंद कर दिया गया है. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कुछ होनेवाला है.
हल्दिया के उप श्रम आयुक्त मिहिर सरकार ने कहा कि प्रबंधन ने कारखाना बंद करने या उनकी किसी समस्या के संबंध में कुछ नहीं कहा था. कारखाने के बंद होने का नोटिस देखने के बाद सुबह कारखाने के कुछ श्रमिक उनके पास आये थे. मंगलवार को सभी पक्षों को लेकर इस समस्या को दूर करने की कोशिश की जायेगी. इस संबंध में कारखाना प्रबंधन से वह बातचीत करेंगे. पूर्व मेदिनीपुर की डीएम अंतरा आचार्य ने कहा है कि कारखाना बंद होने की बाबत वह कुछ नहीं जानतीं. मीडिया से ही उन्हें जानकारी मिली है. प्रबंधन से बात किये बगैर वह कुछ नहीं कह सकतीं.
52 दिनों बाद खुली श्यामनगर जूट मिल
भद्रेश्वर श्यामनगर नॉर्थ जूट मिल बुधवार सुबह खुल गयी. मिल खुलने से श्रमिकों में खुशी की लहर है. प्रबंधन ने बुधवार को 83 श्रमिकों को मिल की सफाई व मशीनों को उत्पादन के उपयुक्त बनाने के लिए देखभाल के काम में लगवाया. दो दिनों में यह काम पूरा हो जाने पर उत्पादन शुरू होगा. शुक्रवार से श्रमिक अपने काम पर लौट आयेंगे. सफाई विभाग को छोड़ कर अन्य विभाग के श्रमिक शुक्रवार आने की बाट जोह रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले 52 दिनों से बंद होने की वजह से श्रमिकों को काफी निराश होना पड़ा था. नौ मई को उत्पादन, कच्चे माल व ऑर्डर की कमी दिखाकर मिल में कार्य स्थगन का नोटिस लगा दिया गया था. इस वजह से 5000 श्रमिक बेकार हो गये थे. सोमवार को त्रिपक्षीय समझौते में मिल खोलने का निर्णय लिया गया. साथ ही कार्य प्रारंभ होने से पहले श्रमिकों को अग्रिम के तौर पर दो हजार रुपये देने की बात कही गयी है.

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