खगड़िया: सदर प्रखंड के सन्हौली गांव में मंगलवार को जेपी आंदोलन कारियों की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता छात्र नेता सह जेपी आंदोलन के प्रणोता कैलाश सिंह ने की. बैठक में भाग ले रहे लोगों ने जेपी आंदोलन के दौरान मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी. श्री सिंह ने बैठक में भाग ले रहे लोगों को जेपी आंदोलन कारियों की समस्याओं से अवगत कराया . इसके साथ ही उन्होंने युवाओं को 19 मार्च 1974 की मशाल जुलूस के दौरान सबसे पहले थाना चौक पर हुई पुलिस झड़प की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उसी दौरान राजेंद्र चौक पर रात्रि 8 .45 बजे पुलिस द्वारा गोली चलायी गयी.
गोली उस समय चलायी गयी जब मशाल जुलूस लेकर छात्र नगर का भ्रमण कर रहे थे. पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट एहसान अली अहमद, पुलिस इंस्पेक्टर भगवान दास, टॉउन थाना अध्यक्ष मधुकिशोर सिंह मौजूद थे. 19 मार्च की घटना से ही जेपी आंदोलन की आग सुलगने लगी थी. 25 जून 1975 को रात्रि 11.30 बजे प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल की घोषणा कर दी गयी थी. बिहार प्रदेश छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले चले रहे आंदोलन से केंद्र सरकार आक्रोशित हो गयी थी.
उन्होंने बताया कि जिले में भी अशोक सराफ, राम बहादूर आजाद (पूर्व विधायक), सोनेलाल मेहता (एमएलसी), राज कुमार विद्यार्थी (भाजपा नेता)आदि लोगों ने जिले के आंदोलन में अहम भूमिका निभायी. उन्होंने कहा कि जेपी आंदोलनकारियों के समस्याओं का निराकरण नहीं किया जायेगा तो फिर से आंदोलन की रुप रेखा तय की जायेगी.