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56 गांव, तीन लाख आबादी, सुरक्षा में चार सिपाही

कानून का राज स्थापित करना इनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. हुसैनगंज थाने की आबादी तीन लाख है,जो 56 गांव में फैली है. इसकी सुरक्षा की जिम्मेवारी मात्र चार सिपाहियों पर है. मौजूदा इंतजाम के सहारे यह संकेत साफ है कि लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है. हुसैनगंज : पुलिस के काम-काज […]

कानून का राज स्थापित करना इनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. हुसैनगंज थाने की आबादी तीन लाख है,जो 56 गांव में फैली है. इसकी सुरक्षा की जिम्मेवारी मात्र चार सिपाहियों पर है. मौजूदा इंतजाम के सहारे यह संकेत साफ है कि लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है.
हुसैनगंज : पुलिस के काम-काज पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं. मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी, तो कभी एक तरफा कार्रवाई की शिकायत आम है. वारदात की सूचना देने पर त्वरित कार्रवाई करने के बजाय टालमटोल करने समेत शिकायतों के अंबार लगे रहते हैं.
इससे इतर वरदी की भी कई परेशानियां व शिकायत हैं, जो हमेशा ओझल होती रही हैं. जिले के 28 थानों में से हुसैनगंज थाना भी एक है. जिले का पुराना थाना होने के कारण इसकी स्थापना का सही अनुमान नहीं लग पाता है,पर यह सच है कि पांच दशक से भी अधिक वक्त से यह मौजूद है. थाने का स्वयं का भवन न होने के कारण कभी प्रखंड कार्यालय परिसर तो कभी गंडक कार्यालय सहारा रहा. बाद के दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मॉडल थाने का उद्घाटन किया.
तीन वर्ष पूर्व थाना नये भवन में चालू हो गया,पर अब तक इसमें बिजली का कनेक्शन नहीं है. बैरक व पदाधिकारियों का आवास अभी भी निर्माणाधीन है. ऐसे में तीन मंजिला थाने की इमारत यहां के पुलिसकर्मियों के लिए बेमतलब है. खास बात यह है कि कई दशक पूर्व थाने के लिए सृजित पद के सापेक्ष आज भी तैनाती होती है, जबकि थाना क्षेत्र की आबादी दोगुनी से अधिक हो गयी, जिसका असर कानून व्यवस्था के इंतजाम पर पड़ना स्वाभाविक है.
ये हैं यहां की दुश्वारियां
थाने के पास एक वाहन तो है, पर चालक तैनात नहीं है. होमगार्ड या प्राइवेट चालक के सहारे ही वाहन चलता है. टेलीफोन बंद पड़ा है. सब इंस्पेक्टर के रूप में चार पद के सापेक्ष चार तथा सहायक सब इंस्पेक्टर पांच के सापेक्ष तैनात है. सिपाही के छह पद हैं, जिनमें चार रिक्त है.
हवलदार के दो पदों में से एक रिक्त है. इसी तरह दफादार के तीन में से दो पद खाली हैं.चौकीदार के 56 पद हैं. इसके बाद भी 37 खाली पड़े हैं. मांग के अनुसार असलहा भी नहीं है. चहारदीवारी है,पर मुख्य गेट नहीं बना है. ऐसी हालत में बेहतर सुरक्षा इंतजाम उपलब्ध कराना इनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है.
आंकड़ों में एक नजर
पद नाम स्वीकृत पद कार्यरत रिक्त
सब इंस्पेक्टर 04 04 00
सहायक सब इंस्पेक्टर 05 05 00
हवलदार 02 01 01
सिपाही 06 02 04
दफादार 03 01 02
चौकीदार 56 19 37
क्या कहते हैं अधिकारी
मौजूदा संसाधनों के सहारे लोगोंको सुरक्षा इंतजाम उपलब्ध कराना हमारी कोशिश है.जरूरत के अनुसार स्टाफ व संसाधन न होने से परेशानी होती है.कानून व्यवस्था में लोगों का सहयोग प्रमुख मायने रखता है.
आशीष कुमार मिश्र,थानाध्यक्ष,हुसैनगंज

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