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भवन निर्माण से विकास की खानापूर्ति
झारखंड में शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के कार्यो पर गहराई से सोचा जाये, तो यह दूसरे राज्यों की अपेक्षा मीलों पीछे है. यहां के राजनेता और अफसरों की सोच अन्य प्रदेशों के लोगों की सोच से बिल्कुल अलग है. झारखंड के विकास कार्यो में यदि आप शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को […]
झारखंड में शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के कार्यो पर गहराई से सोचा जाये, तो यह दूसरे राज्यों की अपेक्षा मीलों पीछे है. यहां के राजनेता और अफसरों की सोच अन्य प्रदेशों के लोगों की सोच से बिल्कुल अलग है. झारखंड के विकास कार्यो में यदि आप शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को ही ले लें, तो इन दोनों विभागों में शहरों और कस्बों में भवनों का निर्माण करा दिया गया है.
सोचने वाली बात यह है कि शिक्षा विभाग के स्कूल भवनों में शिक्षक और छात्रों की कमी नजर आती है, तो स्वास्थ्य विभाग के अस्पताल भवनों और प्राथमिक स्वास्थ्य केद्रों के भवनों में डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों का अभाव दिखायी देता है. बुनियादी सुविधाओं के अभाव में लोगों को चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल पाती है. वहीं, शिक्षकों की कमी से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है.
जितेंद्र कुमार साह, चिकनियां, दुमका
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