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मोदी खूब जानते हैं उलझाये रखना

ईशा भाटिया ब्लॉगर सोशल साइट ट्विटर पर जैसे सेल्फी की बाढ़ आ गयी है. ना केवल भारत से, बल्कि विदेशों से भी बेटियां अपने पिता के साथ सेल्फी खींच कर पोस्ट कर रही हैं. भारत के लिए यह कुछ-कुछ वैसा ही है, जैसे अमेरिका में कुछ समय पहले ‘आइस बकेट चैलेंज’ का ट्रेंड चल पड़ा […]

ईशा भाटिया

ब्लॉगर

सोशल साइट ट्विटर पर जैसे सेल्फी की बाढ़ आ गयी है. ना केवल भारत से, बल्कि विदेशों से भी बेटियां अपने पिता के साथ सेल्फी खींच कर पोस्ट कर रही हैं. भारत के लिए यह कुछ-कुछ वैसा ही है, जैसे अमेरिका में कुछ समय पहले ‘आइस बकेट चैलेंज’ का ट्रेंड चल पड़ा था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों के इस उत्साह के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया है और अपनी वेबसाइट पर इन सेल्फी का बड़ा सा कोलाज भी लगाया है. यहां तक कि प्रधानमंत्री ट्वीट के जवाब भी दे रहे हैं.

रॉकस्टार प्रधानमंत्री का ‘थैंक्यू फॉर योर पोस्ट’ संदेश युवा फैंस के लिए किसी बॉलीवुड हस्ती के ऑटोग्राफ पा लेने जैसा है. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी बदले में अपने चाहनेवालों को ‘फॉलो’ भी करने लगे हैं.

हालांकि, यह ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कैम्पेन को बढ़ावा देने के मकसद से किया जा रहा है, लेकिन सेल्फी पोस्ट करनेवाले ऐसा कोई सामाजिक संदेश देते नहीं दिख रहे. और कुछ एकआध जगह जहां चर्चा शुरू हुई, वहां बवाल मच गया. सीपीआइएमएल नेता और एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ने स्नूपगेट की ओर इशारा करते हुए एक ट्वीट कर दिया कि मोदी को बेटियों का पीछा करने की आदत है, इसलिए लोग सोच-समझ कर अपनी बेटियों के साथ तसवीरें पोस्ट करें.

जाहिर है, इस ट्वीट पर बवाल होना और लोगों की तीखी प्रतिक्रिया आना लाजमी था. लेकिन यह चर्चा में तब आया, जब संस्कारी भूमिकाओं के लिए जाने जानेवाले मशहूर अभिनेता आलोकनाथ ने कविता कृष्णन को ट्विटर पर गाली दे दी.

आलोकनाथ के ‘जेल द बिच’ ट्वीट के बाद से कविता कृष्णन को इतने गाली भरे ट्वीट आये कि उन्होंने इसके जवाब में एक लेख भी लिख दिया और प्रमाण के तौर पर हर ट्वीट को पेश करते हुए कविता ने सवाल किया है, ‘क्या ये करेंगे बेटियों की रक्षा?’

दूसरा बवाल हुआ एहसान जाफरी की बेटी निशरीन जाफरी हुसैन की सेल्फी पर. निशरीन जाफरी ने अपने फेसबुक पेज पर पिता के साथ एक पुरानी तसवीर पोस्ट की और साथ में लिखा, ‘यह सेल्फी जिंदगी भर उनका पीछा करेगी.’

इसके अलावा उन्होंने वकील तीस्ता सीतलवाड़ के नाम एक खुला पत्र भी लिखा है, जिसमें बेहद भावुक शब्दों में उन्होंने बताया है कि उनकी मां को यकीन है कि एक दिन उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा. याद दिला दें कि सांसद रहे एहसान जाफरी की गुजरात दंगों के दौरान हत्या कर दी गयी थी.

हालांकि, इतने बड़े कैम्पेन में कुछ विवाद हो जाना कोई बड़ी बात नहीं है. और युवाओं का दिल जीतने के साथ-साथ विवादों को किनारे करने का फॉमरूला भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अच्छी तरह जानते हैं.

विवाद उनके मन में जगह ही नहीं ले पाते. इसलिए कभी ‘मन की बात’ में उनका जिक्र ही नहीं होता. फिर वह भले ही संयुक्त राष्ट्र की भुखमरी की रिपोर्ट हो, राजधानी के प्रदूषण की समस्या या फिर ललित मोदी और भ्रष्टाचार के मुद्दे हों. सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और स्मृति ईरानी की बात भी उनके मन तक नहीं पहुंची.

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