भागलपुर: एक ही तरह के अपराध में यहां दो तरह की कार्रवाई हो रही है. सदर अस्पताल परिसर में करीब 20 वर्षो से ठाठ से अतिक्रमणकारी रह रहे हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ पत्रचार व नोटिस भेजने का कार्य हुआ है. जबकि, जेएलएनएमसीएच की जमीन पर वर्षो से रह रहे अतिक्रमणकारियों को हाई कोर्ट की सख्ती के आगे झुकना पड़ा और उन्हें वहां से बाहर जाना पड़ा.
यहां तक कि यहां के पूर्व आइजी तक को आवास खाली करना पड़ना गया. बावजूद इसके अधिकारियों की उदासीनता की वजह से सदर अस्पताल से अतिक्रमण खाली नहीं हो रहा है. कार्रवाई के नाम पर अब तक दर्जनों बार पत्रचार किया गया है.
अस्पताल के सामने किसने बनाया गैराज, किसी को नहीं मालूम : अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड के ठीक सामने सुलभ शौचालय के बगल में किसी ने वाहन पार्किग के लिए गैराज तक बना लिया है, लेकिन इस संबंध में अस्पताल के किसी कर्मचारी व अधिकारी तक को नहीं पता है कि वह व्यक्ति कौन है. प्रभारी डॉ संजय कुमार ने जब कर्मियों से पूछा तो किसी ने भी इस संबंध में उन्हें नहीं बताया कि किसने गैराज बनाया है, जबकि गैराज हाल के दिनों में बना है और उसी रास्ते से रोजाना सिविल सजर्न समेत तमाम जिला स्तर के स्वास्थ्य पदाधिकारी अपने कार्यालय आते-जाते हैं.
कार्रवाई की हिम्मत की, तो पीछे करने पड़े कदम : पूर्व सिविल सजर्न डॉ उदय शंकर चौधरी ने अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए अभियान चलाया था, लेकिन यह बीच में ही रूक गया. उन्होंने अतिक्रमणकारियों को पहले नोटिस दिया और अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराया. इस पर भी जब अतिक्रमणकारी नहीं हटे तो उनके घर की स्टील फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी भी करायी गयी, लेकिन तब तक जेएलएनएमसीएच के कुछ सरकारी कर्मचारी इस मामले में दावा पेश करने लगे कि हमलोग अधिकृत तौर पर रह रहे हैं. अंतत: मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
अतिक्रमण को लेकर रोगी कल्याण समिति की बैठक में मुद्दा उठता रहा है. कई बार नोटिस भेजने का भी कार्य हुआ है, लेकिन सभी विभागों से सहयोग लेने के बाद ही अतिक्रमण हटाया जा सकता है. अस्पताल के सामने किसने गैराज बनाया है, जानकारी नहीं है. इसका पता कर रहे हैं.
डॉ संजय कुमार, प्रभारी, सदर अस्पताल
अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन को पत्र भेजा गया है. सदर अस्पताल के प्रभारी को अतिक्रमण करने वालों की सूची भेजी गयी है. जिला प्रशासन के अगले आदेश के बाद कार्रवाई होगी. अस्पताल के सामने गैराज किसने बनाया है. इसकी जांच करायी जा
रही है. डॉ शोभा सिन्हा, सिविल सजर्न