दुबई : इंडियन प्रीमियर लीग के पूर्व आयुक्त ललित मोदी ने जिन तीन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया था उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को कोई सबूत नहीं मिले हैं और विस्तृत जांच के बाद इस मामले को खत्म कर दिया गया.
खेल की संचालन संस्था ने कल संकेत दिए थे कि उसे इन तीन क्रिकेटरों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले जब उसने बयान में कहा, एसीएसयू ने अपनी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरुप इस सूचना पर भी कार्रवाई की जिसमें बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई से सूचना साझा करना भी शामिल है. विश्वसनीय सूत्रों ने कहा कि अगर कोई गलत काम किया गया होता तो आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी और सुरक्षा इकाई (एसीएसयू) इस मामले में जांच करती.
सूत्र ने कहा, अगर एसीएसयू को तीनों खिलाडियों के खिलाफ कोई साक्ष्य मिलता तो वह उनके खिलाफ आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी संहिता के उल्लंघन के आरोप लगाती. अगर दो साल में ऐसा नहीं हुआ और खिलाड़ी अब भी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं तो इसका स्पष्ट मतलब है कि ऐसे साक्ष्य नहीं मिले कि आरोप लगाए जाएं. उन्होंने कहा, जब भी इसके समर्थन में नये साक्ष्य मुहैया कराए जाएंगे तो इस मामले को पुन: खोला जा सकता है लेकिन फिलहाल क्रिकेटरों के खिलाफ कोई आरोप नहीं है.
यह अब क्रिकेटरों पर निर्भर करता है कि वे ललित के खिलाफ मानहानि की कार्रवाई करते हैं या नहीं. ललित ने आईसीसी को पत्र लिखकर क्रिकेटरों की ईमानदारी पर सवाल उठाए थे और जांच की मांग की थी. सूत्रों ने कहा कि ललित के आरोपों से प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचने के बाद अब क्रिकेटरों को अपनी अगली कार्रवाई पर फैसला करना है.
सूत्रों ने कहा, यह काफी गंभीर आरोप हैं और क्रिकेटरों को अपने नाम हमेशा के लिए पाक साफ करने के लिए कार्रवाई करने की जरुरत है. सूत्रों ने कहा कि आईसीसी ने 2015 में इस मामले की जांच की थी क्योंकि ईमेल में यह जिक्र नहीं किया गया था कि आरोप आईपीएल से संबंधित हैं या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से.
सूत्रों ने कहा, क्योंकि ईमेल में क्रिकेट के स्तर की जानकारी नहीं थी इसलिए आईसीसी ने इसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के रुप में लिया और किसी भी अन्य जांच की तरह इस मामले की जांच की. उन्होंने कहा, आईसीसी एसीएसयू के चार स्तंभ शिक्षा, बचाव, जांच और सजा हैं. आईसीसी एसीएसयू ने बीसीसीआई को जानकारी दी थी कि उसने उसके क्रिकेटरों की जांच की है. आईसीसी ने अपने जवाब में इसकी पुष्टि की थी.
सूत्र ने कहा, स्थिति की हकीकत यह है कि ईमेल में चिंता जताई गई थी, दुर्भाग्य से चिंता या संदेह के आधार पर आरोप तय नहीं किए जा सकते. हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेटरों के मामलों को देखना है और मुझे यकीन है कि कडा कदम उठाने से पहले आईसीसी ठोस सबूत चाहेगा. इससे पहले बीसीसीआई ने तीनों क्रिकेटरों को क्लीन चिट दी.
बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर से जब पूछा किया गया आईसीसी ने ललित के जून 2013 के पत्र को स्वीकार किया था जिसमें दावा किया गया था कि भारत के दो और वेस्टइंडीज के एक क्रिकेटर को चल और अचल संपत्ति के रुप में 20-20 करोड़ रुपये दिए गए तो उन्होंने कहा कि इस दावे में कुछ भी नहीं है.
ठाकुर ने आज यहां कहा, ललित मोदी ने आईसीसी को पत्र लिखा इसलिए उन्होंने बीसीसीआई को पत्र की जानकारी दी. तीनों खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और अंतरराष्ट्रीय नियमों के दायरे में आते हैं. आईसीसी से अब तक इन खिलाडियों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है इसलिए एक तरह से यह उनके खेलने के लिए क्लीन चिट है.