मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष व जहानाबाद के सांसद डॉ अरुण कुमार के अमर्यादित बयान पर रविवार को पलटवार किया. उन्होंने कहा कि मैं तो उपलब्ध हूं, उन्हें जो करना है, कर लें. उन्होंने जिस भाषा का प्रयोग किया, वह उनको मुबारक हो. होटल पाटलिपुत्र एग्जोटिका में तीन दिवसीय राष्ट्रीय ज्वेलरी प्रदर्शनी का उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री पत्रकारों के पूछे गये सवालों का जवाब दे रहे थे. प्रदर्शनी का आयोजन स्वर्णकार समाज विकास एवं शोध संस्थान ने किया.
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मैं उपलब्ध हूं, जो करना है, कर लें: नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष व जहानाबाद के सांसद डॉ अरुण कुमार के अमर्यादित बयान पर रविवार को पलटवार किया. उन्होंने कहा कि मैं तो उपलब्ध हूं, उन्हें जो करना है, कर लें. उन्होंने जिस भाषा का प्रयोग किया, वह उनको मुबारक हो. होटल पाटलिपुत्र एग्जोटिका में तीन दिवसीय राष्ट्रीय ज्वेलरी प्रदर्शनी […]
मुख्यमंत्री ने कहा कि रालोसपा सांसद अरुण कुमार ने भाजपा के कार्यालय से अमर्यादित बयान दिया था. एनडीए गंठबंधन के तीनों पार्टी के अध्यक्षों की मौजूदगी में कहा था, इसलिए यह एनडीए का ऑफिसियल स्टेटमेंट था. अब इससे पीछे हटने से कुछ नहीं होगा. इस तरह के अलोकतांत्रिक भाषा के प्रयोग से लगता है कि भाजपा जनाधार खो चुकी है. इससे परेशान होकर वे शारीरिक प्रहार की बात कर रहे हैं. समय आने पर जनता लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देगी. प्रदेश व देश की जनता सब देख रही है.
मुख्यमंत्री मैं उपलब्ध हूं, जो..
ने कहा कि भाजपा का आचरण ललित मोदी गेट प्रकरण में सब कुछ आ रहा है. इसके बाद यहां भी जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, इसके लिए सिर्फ असंयमित व अमर्यादित कहना ठीक नहीं है. समाज में उत्तेजना व तनाव पैदा करने के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. यह उनका आखिरी हथियार है. उन्होंने कहा कि इस देश में सभ्य व सही सोच रखनेवाले ज्यादा लोग हैं. ऐसी बातों को लोग गौर करेंगे. लोगों का जो लोकतांत्रिक अधिकार है. उनका प्रयोग कर इस तरह के विचार रखनेवाले व भाषा का प्रयेाग करने वाले का जो लोकतांत्रिक उत्तर है. चुनाव के दौरान जनता उन्हें जरूर उत्तर देगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी मागदर्शक टीम में है. भाजपा ने उन्हें दरकिनार कर दिया है. अगर वे जो भी बात कह रहे हैं, अपने अनुभव के आधार पर कह रहे हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले इमरजेंसी के बारे में अपना विचार व्यक्त किया था. आज से 40 साल पहले देश में इमरजेंसी लगी थी. उन्होंने इसकी आशंका प्रकट की थी. उनको इस बात का विश्वास नहीं है कि फिर इमरजेंसी लागू नहीं होगी. आज के दौर में जो कुछ भी चल रहा है, इन्हीं परिस्थितियों पर उन्होंने अपनी राय प्रकट की. भाजपा ने दावा किया था कि पार्टी विथ डिफरेंस है. यह कौन-सा डिफरेंस है. भाजपा अपने लोगों को बचाती है, चाहे वह जो कुछ करे. भाजपा को लगता है कि एक को हटा देंगे, तो सिलसिला शुरू हो जायेगा. आडवाणी की बात पर सोचने की जरूरत है.
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