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एनएसबी रोड से हटा एनएच का दर्जा

गुड न्यूज : रानीगंज शहर को मिलेगी सड़क दुर्घटना से निजात आसनसोल : रानीगंज शहर की लाइफलाइन रही मुख्य सड़क नेताजी सुभाष बोस (एनएसबी) सड़क से राष्ट्र्रीय उच्च पथ 60 का दर्जा वापस ले लिया गया तथा शहर को अलग कर गिरजापाड़ा-बख्तानगर-मंगलपुर बाईपास का निर्माण किया जायेगा. रानीगंज सिटिजेन फोरम के अध्यक्ष डॉ आरडी बोस […]

गुड न्यूज : रानीगंज शहर को मिलेगी सड़क दुर्घटना से निजात
आसनसोल : रानीगंज शहर की लाइफलाइन रही मुख्य सड़क नेताजी सुभाष बोस (एनएसबी) सड़क से राष्ट्र्रीय उच्च पथ 60 का दर्जा वापस ले लिया गया तथा शहर को अलग कर गिरजापाड़ा-बख्तानगर-मंगलपुर बाईपास का निर्माण किया जायेगा.
रानीगंज सिटिजेन फोरम के अध्यक्ष डॉ आरडी बोस ने कहा कि संगठन व रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स का शिष्टमंडल भूतल परिवहन तथा हाइवे मंत्री नितिन गडकरी से मिला और इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही इसका समाधान किया जायेगा.
स्थानीय आसनसोल इन होटल में गुरुवार को डॉ बोस के साथ रानीगंज के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष गौतम घटक, फोरम की कोषाध्यक्ष मंजू गुप्ता, रानीगंज चेंबर के अध्यक्ष आरपी खेतान व पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार सर्राफ ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि शहर के विभिन्न संगठनों के विरोध के बावजूद एनएसबी रोड को एनएच 60 का दर्जा वर्ष 2006 में दे दिया गया. हालांकि यह सड़क राज्य सरकार के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अंतर्गत थी. सड़क के संकरा होने, दोनों किनारों पर अधिक जमीन न रहने, काफी पुराना शहर होने के कारण तथा इस सड़क पर भारी वाहनों के आवागमन के कारण शहर में दुर्घटनाओं व उसमें होनेवाली मौत की संख्या काफी बढ़ गयी.
शहर की लाइफ लाइन रही सड़क सबसे अधिक लाइफ लेनेवाली बन गयी. शहर का आम जन जीवन भी प्रभावित होने लगा. उन्होंने कहा कि इस सड़क से एनएच का दर्जा वापस लेने तथा रानीसायर से बाइपास सड़क बनाने के लिए फोरम ने आंदोलन शुरू किया.
शहर के दर्जनों संगठनों को इससे जोड़ा गया. विभिन्न विभागों में ज्ञापन सौंपने के बाद 12 घंटों का अनशन किया गया. इसके बाद राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद नेशनल हाइवे डीविजन ने एनएसबी सड़क को एनएच से अलग करने का निर्णय लिया. इसका आधिकारिक पत्र जारी हो चुका है. यह जनता की पहली जीत है.
उन्होंने कहा कि आधिकारिक रूप से उन्हें बताया गया है कि शहर को अलग कर मंगलपुर -बख्तानगर-गिरजापाड़ा होकर एनएच 60 की बाईपास सड़क बनायी जायेगी. इसकी लंबाई साढ़े चार किलोमीटर होगी. इसके लिए काफी कम रैयती व निजी जमीन के अधिग्रहण की जरूरत होगी. इस सड़क के लिए प्राथमिक सव्रे का कार्य पूरा हो चुका है.
इस सड़क के बनने के बाद शहर को दुर्घटनाओं में होनेवाली मौत से निजात मिल जायेगी. उन्होंने कहा कि फोरम तथा रानीगंज चेंबर के संयुक्त शिष्टमंडल ने बीते 23 जून को केंद्रीय भूतल परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री श्री गडकरी से कोलकाता में मुलाकात की. उनसे इस बाईपास के शीघ्र निर्माण के लिए आग्रह किया गया. उन्होंने संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में तत्काल रिपोर्ट की मांग की. मंत्री को उक्त रिपोर्ट भेज दी गयी है.
फोरम पदाधिकारियों ने कहा कि उन्हें बताया गया कि खड़गपुर से मोरग्राम तक की 422.45 किलोमीटर एनएच 60 को फोरलेन में बदला जायेगा. इसके लिए डीपीआर तैयार करने का वर्कऑर्डर भी जारी हो चुका है. डीपीआर के बनते ही कें द्रीय सरकार इसे मंजूरी दे देगी तथा इसका निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. उन्होंने कहा कि फोरम के सामने मुख्य चुनौती गिरजापाड़ा से मंगलपुर बाइपास सड़क का शीघ्र निर्माण कराना है. इसके लिए केंद्रीय व राज्य सरकार के बीच समन्वय स्थापित करने के फोरम व चेंबर पूरा सहयोग करेंगे.
उन्होंने कहा कि शहर की सुरक्षा के लिए दोनों संगठन भूमि मालिकों को भी अधिग्रहण के लिए तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि यह बड़ी लड़ाई की पहली जीत है तथा केंद्र व राज्य सरकार के सकारात्मक रूख को देखते हुये लड़ाई की जीत के प्रति आशा बढ़ी है.
इससे शहरवासियों में आत्मविश्वास बढ़ा है तथा एकबद्ध होने में भी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि सड़क से भले ही एनएच का दर्जा समाप्त हो गया है, लेकिन जब तक मंगलपुर बाइपास का निर्माण नहीं होगा, तब तक इस सड़क से भारी वाहनों का आवागमन बंद नहीं होगा तथा स्थिति पूर्ववत बनी रहेगी.

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