पुलिस मृतक के बेटे के बयान पर सीतामढ़ी निवासी राम प्रसाद उर्फ भगत जी को सरगरमी से तलाश करने में जुट गयी है . पुलिस इसे रुपये के लेन- देन में हत्या का मामला बता रही है . घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. मृतक के चार बेटे विकास, अभिषेक, आशीष, विष्णु और वृद्ध मां का हाल रो-रो कर बेहाल है . पत्नी का डेढ़ साल पहले ही देहांत हो चुका था .
बेटे विकास ने बताया की 18 जून की रात पिताजी ने सीतामढ़ी पहुंचने पर बातचीत की थी. इसके बाद मोबाइल का स्विच ऑफ हो गया. दोबारा 20 जून की दोपहर अपने छोटे बेटे विष्णु से मोबाइल पर बातचीत की और बताया कि डुमरा में राम प्रसाद उर्फ भगत जी के साथ हैं . इसके बाद फिर उनका मोबाइल बंद हो गया. अनहोनी की आशंका से मृतक के परिजनों ने 21 जून को फुलवारीशरीफ थाने में अमरनाथ सिंह के गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. 21 जून को सीतामढ़ी के डुमरा थाना पुलिस को लावारिस लाश बरामद हुई. मृतक के गले पर रस्सी के निशान था.
पुलिस ने बाद लावारिस शव मान कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया. 22 जून को अखबारों में लावारिस व्यक्ति की हत्या की खबर छपी, जिसके बाद 23 को बड़ा बेटा विकास डुमरा थाना पहुंच गया. जहां पुलिस ने शव के तसवीरों को मोबाइल में दिखाया, तो विकास रो पड़ा. शव की पहचान अपने पिता अमरनाथ सिंह के रूप में की. पुलिस ने परिजनों से पूछताछ के आधार पर ब्रह्मपुर से संतोष को हिरासत में ले लिया है. थानेदार दीवान एकराम ने बताया कि डुमरा पुलिस को अमरनाथ का शव लावारिस हालत में बधार में मिला था. उसकी रस्सी से गला दबा कर हत्या कर दी गयी थी. अमरनाथ सिंह को सीतामढ़ी के राम प्रसाद ने 50 लाख का चेक दे रखा था और बराबर वह अपने रुपये की मांग कर रहा था. थानेदार के मुताबिक साजिश के तहत अमरनाथ सिंह को राम प्रसाद ने सीतामढ़ी बुलाया और अपने रुपये की मांग की. संभवत: रु पये के लेन -देन में ही अमरनाथ सिंह की हत्या कर दी गयी.