नयी दिल्ली : मालेगांव बम धमाका मामले में सरकारी वकील रोहिणी सैलियन ने बयान देकर एनडीए सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार 2008 में हुए धमाके के संबंध में रोहिणी सैलियन ने कहा है कि पिछले साल नई सरकार के आने के बाद इस मामले में दबाव पड़ने लगा है. एनआईए की ओर से मुझे मामले को कमजोर करने के लिए दबाव दिया जा रहा है.
आपको बता दें कि मालेगांव में हुए इस धमाके में एक समुदाय के चार लोगों की मौत हो गई थी. यह धमाका रमजान के महीने में किया गया था. इस आरोप में हिंदू चरमपंथियों की गिरफ्तारी हुई थी. 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में हुए बम विस्फोट के मामले में साध्वी मुख्य आरोपियों में शामिल हैं. इस हमले में छह लोग मारे गए थे और 100 अन्य घायल हुए थे.
सरकारी वकील ने कहा कि जब एनडीए सरकार पिछले साल सत्ता में आई उसके बाद उनपर दबाव पड़ने लगा. एनआइए इस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि उनके पास एनआइए के एक अधिकारी का फोन आया. उसने सारी बातें फोन पर करने से मना किया. वह अधिकारी मेरे पास आया.
सरकारी वकील के अनुसार एनआइए अधिकारी ने उनसे कहा कि मालेगांव धमाके के मामले को कमजोर करने के संबंध में आपके लिए एक संदेश है. 68 साल की रोहिणी सालिया एक फेमस वकील है वह जे जे शूटआउट, बोरीवली डबल मर्डर, भारत शाह केस और मुलुंड धमाका केस सहित अन्य कई मामले में अपनी भूमिका निभा चुकीं हैं.