वह मूलत: बांग्लादेशी के खुलना का रहने वाला है. अवैध तरीके से सीमा पार कर यहां आया था और दक्षिण 24 परगना के जीवनतल्ला में रह रहा था. यहां युवतियों का अपहरण कर उसे देह व्यापार में धकेलने के आरोप में 2013 के अप्रैल महीने में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. इसके बाद से वह अलीपुर के प्रेसीडेंसी जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में रह रहा था. जेल सूत्रों के मुताबिक हार्नियां का ऑपरेशन कराने के लिए उसे प्रेसिडेंसी जेल से 17 जून को एसएसकेएम अस्पताल के कजर्न वार्ड में भरती किया गया था. 18 जून को ऑपरेशन होने के बाद से घाव सूखने तक के लिए उसे कजर्न वार्ड में आम मरीजों के साथ रखा गया था.
उसकी सुरक्षा के लिए कोलकाता पुलिस के रिजर्व फोर्स (आरएफ) से तीन कांस्टेबलों को उसके वार्ड के बाहर तैनात किया गया था. कांस्टेबलों ने बताया कि मंगलवार सुबह शौच जाने के बहाने वह शौचालय में घुसा और वहां कपड़ा बदल कर मरीज के परिजनों के वेश में अस्पताल से भाग निकला. उसके भागने की जानकारी मिलने पर पूरे अस्पताल में उसकी तलाश की गयी, लेकिन वह नहीं मिला. अंत में अफजल के लापता होने की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज करायी गयी. पुलिस ने उसकी तलाशी शुरू कर दी है. इस मामले में कोलकाता पुलिस के विशेष अतिरिक्त व संयुक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) राजीव मिश्र ने बताया कि विचाराधीन कैदी के लापता होने की शिकायत थाने में दर्ज होने के बाद ही उसकी सुरक्षा में तैनात तीन कांस्टेबलों को सस्पेंड कर दिया गया है. सस्पेंड होने वाले कांस्टेबलों के नाम फइजुर रहमान, राम कृष्ण चौधरी और देवाशीष पात्र है. तीनों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गयी है. इनके खिलाफ आरोप साबित होने पर तीनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.