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..दुनिया करेगी रस्ब कि उसने गालिब को देखा

पूर्णिया: एक तरफ रविवार को जिला मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की धूम रही तो दूसरी ओर जिले के साहित्यिक जगत में भी हलचल रही. हिंदी साहित्य सम्मेलन और अखिल भारतीय साहित्य परिषद की स्थानीय इकाई के संयुक्त तत्वावधान में सिन्हा पब्लिक स्कूल में एक संस्मरण युक्त पुस्तक और दूसरे काव्य गं्रथ का लोकार्पण हुआ. […]

पूर्णिया: एक तरफ रविवार को जिला मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की धूम रही तो दूसरी ओर जिले के साहित्यिक जगत में भी हलचल रही. हिंदी साहित्य सम्मेलन और अखिल भारतीय साहित्य परिषद की स्थानीय इकाई के संयुक्त तत्वावधान में सिन्हा पब्लिक स्कूल में एक संस्मरण युक्त पुस्तक और दूसरे काव्य गं्रथ का लोकार्पण हुआ.

प्रोफेसर देवनारायण पासवान रचित संस्मरण ‘दिल के आइने में’ तथा गोपाल चंद्र घोष मंगलम के काव्य ग्रंथ‘अंतस बोल उठा’ का लोकार्पण चंद्रानंद सीतेश एवं भोलानाथ आलोक की ओर से संयुक्त रूप से किया गया. सभा की अध्यक्षता प्रो डा रामेश्वर मिश्र ने की.

समारोह को संबोधित करते हुए श्री आलोक ने कहा कि साहित्य में भुला दिये गये व्यक्तित्व को श्री देव ने जो फलक प्रदान किया है, वह सराहनीय है.

श्री सीतेश जी एवं कवि डा परमेश्वर गोयल ने श्री मंगलम की काव्य यात्र और साहित्य साधना की विस्तृत चर्चा की. डा के के चौधरी ने दोनों पुस्तकों के साथ-साथ दोनों साहित्यकार के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर भी प्रकाश डाला. प्रलेस के राज्य उपाध्यक्ष देव आनंद ने कहा कि दुनिया करेगी रस्ब कि उसने गालिब को देखा है अर्थात प्रो देव का सान्निध्य प्राप्त किया. इस मौके पर प्रो ए एच दानिश, डा संजय कुमार सिन्हा, नीरज जनवेणु, डा राम नरेश भक्त, प्रो शंभु कुशाग्र, उमेश उत्पल, नूतन आनंद, श्याम लाल पासवान, सुशीला भारती, सुनील सिंह, डा नीलांबर सिंह, संजय सिंधु, कृत नारायण प्यारा, किरण सिंह आदि उपस्थित थे.

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