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लखवी पर कार्रवाई : चीन ने भारत के कदम को रोका और पाक को बचाया

नयी दिल्ली/ संयुक्त राष्ट्र : चीन ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड व लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी की रिहाई को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग संबंधी भारत के कदम पर अड़ंगा लगा दिया है. प्रतिबंधों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र की समिति ने भारत के आग्रह पर यहां बैठक की जिसमें मुंबई हमले […]

नयी दिल्ली/ संयुक्त राष्ट्र : चीन ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड व लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी की रिहाई को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग संबंधी भारत के कदम पर अड़ंगा लगा दिया है. प्रतिबंधों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र की समिति ने भारत के आग्रह पर यहां बैठक की जिसमें मुंबई हमले के मामले में लखवी की रिहाई को लेकर पाकिस्तान से स्पष्टीकरण मांगा जाना था. इसी दौरान चीन के प्रतिनिधियों ने इस आधार पर इस कदम को रोक दिया कि भारत के पास पर्याप्त सूचना नहीं है.

समिति के मौजूदा प्रमुख जिम मैकले को लिखे पत्र में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने पिछले महीने कहा था कि पाकिस्तानी अदालत द्वारा रिहा किया जाना 1267 संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का उल्लंघन है. प्रतिबंध संबंधी कदम अलकायदा और लश्कर-ए-तैयबा सहित आतंकवादी संगठन से संबंधित व्यक्तियों और इकाइयों पर लागू होता है. समिति में संयुक्त राष्ट्र के पांचों स्थायी देश और 10 अस्थायी देश होते हैं. चीन के इस कदम से आतंवाद के खात्मे के प्रयास को धक्का लगा है.

क्या है मामला

मुंबई हमले को लेकर लखवी और छह अन्य लोगों को पाकिस्तानी में अभियुक्त बनाया गया. नवंबर, 2008 में मुंबई के कई प्रमुख स्थानों पर हुए आतंकवादी हमले में 166 लोग मारे गये थे. पाकिस्तान की एक अदालत ने बीते नौ अप्रैल को लखवी को रिहा किया था. लखवी को पहले ही जमानत मिल गयी थी, लेकिन भारत के दबाव में लखवी को लोक व्यवस्था बनाये रखने संबंधी आदेश के तहत हिरासत में लिया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन केसमक्ष उठाया मुद्दा

भारत ने लखवी की रिहाई को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र में अपने कदम को रोक दिये जाने के बाद चीन के साथ उच्च स्तर पर यह मुद्दा उठाया. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी नेतृत्व के समक्ष यह मुद्दा उठाया.

जरूरी है स्थायी सदस्यता

लखवी के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई को चीन द्वारा रोके जाने से भारत के लिए सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता हासिल करने का महत्व जाहिर होता है ताकि वह ऐसी स्थिति से निबट सके. सूत्रों के मुताबिक जब तक कोई देश परिषद में स्थायी सदस्य नहीं हैं तब तक उसे कुछ नहीं मिल सकता क्योंकि पांच स्थायी सदस्य अपने ही मानकों का पालन करते हैं. लखवी के खिलाफ कार्रवाई पर रोक न केवल भारत की समस्या है बल्कि वैश्विक आतंकवाद से निबटने में एक समस्या भी है. सवाल यह भी है कि चीन ने आखिर ऐसा क्यों किया.

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