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नस्लवाद हमारे डीएनए में, खत्म करने में लगेगा वक्त : बराक ओबामा

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने माना है कि अमेरिका अबतक नस्लीय मानसिकता से उबरा नहीं है. अभी भी यह लोगों के मन में है और इसे आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता क्योंकि नस्लवाद का एक लंबा इतिहास रहा है.बराक ओबामा ने यह जवाब चार्ल्सटन के चर्च में हुए हमले के […]

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने माना है कि अमेरिका अबतक नस्लीय मानसिकता से उबरा नहीं है. अभी भी यह लोगों के मन में है और इसे आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता क्योंकि नस्लवाद का एक लंबा इतिहास रहा है.बराक ओबामा ने यह जवाब चार्ल्सटन के चर्च में हुए हमले के सवाल पर दिया. उन्होंने कहा कि नस्लवाद सदियों से चली आ रही इसे एक दिन में खत्म करना मुश्किल है.

लेकिन अमेरिका में लोगों की सोच में अब बदलाव आ रहा है और इसका ताजा उदाहण मैं हूं मैं एक श्वेत मां और अश्वेत पिता की संतान हूं फिर भी मुझे लोगों ने आसानी से अपना लिया है. नस्लवाद को खत्म करने के लिए हमें समाज में एक माहौल बनाना होगा जिससे हम एक 21 साल के युवा को यह समझा सकें कि क्या सही है और क्या गलत. यह मामला सिर्फ इतना नहीं है कि किसी को निग्रो कहकर पुकारा जाए.

हम इसे नस्लवाद के पैमाने के रूप में नहीं देख सकते. हां इसके चलन पर रोक लगाने के लिए माहौल तैयार करना होगा जिससे इस पर नियंत्रण रखा जा सके. बराक ओबामा ने माना कि यह अभी भी हमारे डीएनए में है और इसे पूरी तरह खत्म करने में वक्त लगेगा. नस्लवाद के अलावा भी ओबामा ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जिसमें बंदूक पर नियंत्रण और हथियार के लाइसेंस पर जोर देने के अलावा आपसी संबंध को मजबूत करने की वकालत की.

भारत को ओबामा ने दी थी नसीहत

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत यात्रा के बाद नसीहत दी थी कि भारत को धार्मिक सहिष्णुता को मजबूत करने की नसीहत दी थी. उन्होंने अपने संबोधन में महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्होंने सभी धर्मों को सम्मान देने की बात कही थी. भारत को धर्म के आधार पर नहीं बांटना चाहिए अगर भारत कामयाब होना चाहता है तो इस पर उसे विशेष ध्यान देना होगा. इस बयान पर भारत में भी खूब हंगामा हुआ था और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी नरेंद्र मोदी की नीतियों पर सवाल खड़े किये थे.

अमेरिका में मंदिरों पर होते रहे हैं हमले
अमेरिका में हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की खबरें कुछ दिनों पहले आम थी. मंदिर में स्प्रे पेंट से कई तरह के संदेश लिखे होते थे जिसमें वापस जाओ जैसे नारे आम थे. इसके अलावा दिवारों पर भी कई तरह की तस्वीरें बना दी गयी थी. इसे लेकर ओबामा की सरकार पर सवाल खड़े होने लगे थे कि बराक भारत में हो रहे चर्च पर हमलों की चिंता तो करते हैं लेकिन अमेरिका में हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों को लेकर चुप्पी साधे हुए है. हाल में ही चार्ल्सटन चर्च पर हुए हमलों के बाद बराक ओबामा ने चुप्पी तोड़ी और माना कि अमेरिका में अभी भी नस्लवाद की भावना है.

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