नयी दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया है. पुलिस ने इसकी रिपोर्ट अदालत में जमा कर दी है. पुलिस इस मामले की जांच में लगी है और कोई भी ऐसा सबूत नहीं छोड़ना चाहती जिससे इस केस को मजबूती के साथ कोर्ट में खड़ा किया जा सके.
पुलिस ने शशि थरूर के नजदीकी ड्राइवर और उनके साथ काम करने वाले लगभग छह लोगों का पॉलिग्राफ टेस्ट करवाया है. अदालत ने पहले उन लोगों से पॉलिग्राफ टेस्ट के लिए अनुमति मांगी जिन्हें इस टेस्ट से होकर गुजरना था. जब उन्होंने इस पर अपनी सहमति जता दी, तो अदालत ने इसके बाद पॉलिग्राफ टेस्ट की इजाजत दी. कोर्ट ने सख्त हिदायत दी थी कि इसमें नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए. पुलिस को शक था कि उनसे कुछ जरूरी सच छुपाये जा रहे है. पुलिस ने अदालत से मांग की थी कि उन्हें पॉलिग्राफ टेस्ट करने की इजाजत दी जाए. दिल्ली पुलिस ने साफ किया कि अगर इस मामले में और लोगों की भी पॉलिग्राफ टेस्ट करने की जरूरत पड़ी तो उससे भी पीछे नहीं हटा जायेगा.
क्या होता है पॉलिग्राफ टेस्ट
पॉलिग्राफ टेस्ट में मशीनों की मदद से यह मापने की कोशिश की जाती है कि सामने बैठा व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं. इस दौरान व्यक्ति के शारीरिक हावभाव पर विशेष नजर रखी जाती है जिनमें ब्लड प्रेशर,पल्स,सांस और स्किन कंडक्टिविटी पर नजर रखी जाती है. इसी से अंदाजा लगाया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ अगर व्यक्ति झूठ बोल रहा होता है तो उसका हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. झूठ बोलते वक्त उसे एक डर का अहसास होता है जिसे शरीर छुपा नहीं पाता.
क्या है पूरा मामला
शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर को दिल्ली के होटल में 17 जनवरी 2014 को मृत पाया गया था. उनकी मौत के बाद कई अनसुलझे सवाल खड़े हुए जिसमें शशि थरूर और पाकिस्तान पत्रकार मेहर तरार के बीच अफेयर की खबरें आयी. हालांकि शशि थरूर और मेहर तरार ने इससे इनकार किया. हालांकि मौत से पहले थरूर और सुनंदा के बीच झगड़े की खबर भी मीडिया में आयी. सुनंदा की मौत कैसे हुई इस पर भी अबतक सस्पेंश कायम है. मामले की गंभीरता को देखते हुए इस केस को एसआईटी को सौंप दिया गया. गौरतलब है कि सुनंदा और थरूर की शादी 2010 में हुई थी.