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जनसंवाद केंद्र: डॉयल 181, काम दनादन
रांची: देवघर के करौं से 20 मई को शिकायत की गयी थी कि हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी देवघर द्वारा 54 पारा शिक्षकों के मानदेय का भुगतान अगस्त 2014 से नहीं किया जा रहा है. छह जून 2015 को भुगतान कर दिया गया. धनबाद निरसा प्रखंड के मुरमा प्रखंड से शिकायत की […]
रांची: देवघर के करौं से 20 मई को शिकायत की गयी थी कि हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी देवघर द्वारा 54 पारा शिक्षकों के मानदेय का भुगतान अगस्त 2014 से नहीं किया जा रहा है. छह जून 2015 को भुगतान कर दिया गया.
धनबाद निरसा प्रखंड के मुरमा प्रखंड से शिकायत की गयी की गांव में चार चापानल हैं, जिनमें से तीन खराब है. आठ जून को शिकायत की गयी थी 18 जून को चापानल की मरम्मत कर दी गयी. दुमका आसनसोल पंचायत के टिंघरा से 12 जून को शिकायत की गयी की ग्रामीण बैंक महरो के प्रबंधक द्वारा अक्तूबर 2014 से विकलांग पेंशन नहीं दिया गया है. 17 जून 2015 को पेंशन भुगतान कर दिया गया.
दुमका रामगढ़ के कोनापाथर से आठ जून को शिकायत की गयी कि गांव का ट्रांसफारमर छह साल पूर्व ही जल गया, लेकिन विभाग द्वारा इसे नहीं बदला गया है. 18 जून को वहां 25 केवीए का नया ट्रांसफारमर लगा दिया.
गढ़वा नगर उंटारी के पटरियाखुर्द से दो जून को शिकायत की गयी कि पीडीएस डीलर द्वारा बीपीएल परिवार को 35 किलो की जगह 22 किलो ही राशन दिया जा रहा है. 11 जून को राशन डीलर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया.
ये कुछ उदाहरण हैं राज्य सरकार द्वारा स्थापित किये गये जन संवाद केंद्र में 181 पर डॉयल कर दर्ज करायी गयी शिकायतों के बाद की गयी कार्रवाई का. जनसंवाद केंद्र में शिकायत दर्ज कराते ही कार्रवाई आरंभ हो जाती है. मामला पानी का हो, बिजली या पुलिस की सहायता की. सूचना तुरंत प्रेषित होती है. एक मई को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसकी शुरुआत की थी.
क्या है प्रक्रिया
जनसंवाद केंद्र में 181 डॉयल कर शिकायतें दर्ज करायी जाती हैं. साथ ही जनसंवाद केंद्र में कार्यरत कर्मी खुद भी अचानक किसी के मोबाइल पर फोन कर उनकी समस्या पूछते हैं. समस्याओं को दर्ज कर लिया जाता है. फिर संबंधित विभाग को इसे ऑनलाइन ही भेज दिया जाता है. इसकी मॉनीटरिंग की जाती है कि शिकायतों पर क्या कार्रवाई हुई. आइटी सचिव हर सप्ताह इसकी समीक्षा करते हैं. वहीं मुख्यमंत्री महीने में एक बार खुद डीसी और जनता से ऑनलाइन जुड़ कर शिकायतों की समीक्षा करते हैं.
कई बार ऐसे मामले आते हैं जिन पर कार्रवाई नहीं भी होती है. यही वजह है कि समाधान की तुलना में लंबित मामलों की संख्या ज्यादा है. 2769 में 2341 मामले लंबित हैं. जिन पर कार्रवाई नहीं हो सकी है.
जिन पर कार्रवाई नहीं हो सकी है
-रांची कांके रहरा से आठ जून को शिकायत दर्ज करायी गयी कि 10 केवी के ट्रांसफारमर 10 महीने पहले ही जल चुका है. पर बदला नहीं गया है. इस पर अबतक बिजली विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की गयी है.
-सरायकेला-खरसावां जिले के तिरिलडीह से आठ जून को शिकायत की गयी कि ट्रांसफारमर बदलने का काम छह महीने पहले शुरू किया गया पर नहीं हो सका है. विभाग द्वारा इतना ही कहा गया कि कार्य चल रहा है.
50 दिनों में 2769 शिकायतें
जन संवाद केंद्र में 50 दिनों में अबतक 2769 शिकायतें आयी हैं. इनमें से 298 शिकायतों का समाधान कर दिया गया है. 130 शिकायतों पर कार्रवाई हो रही है. पर 2341 शिकायतें ऐसी हैं जो लंबित है. बताया गया कि ज्यादातर शिकायतें बिजली और पानी को लेकर आती है. कहीं चापानल खराब है तो कहीं ट्रांसफारमर खराब. कुछ शिकायतें मिड डे मील को लेकर भी आती है. साथ ही स्कूल में शिक्षक नहीं हैं, इस तरह की शिकायतें भी आती है. शिकायतों पर संबंधित विभाग को अविलंब कार्रवाई का निर्देश दिया जाता है. हालांकि यह भी कहा गया कि शिकायतों की तुलना में समाधान की गति धीमी है. पर नयी व्यवस्था होने की वजह से ऐसा हो रहा है. एक अधिकारी ने बताया कि समय के साथ विभागों पर नियंत्रण होगा ताकि समस्या का शीघ्र समाधान हो सके.
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