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प्रसव से पूर्व गर्भवती की नहीं होती एचआइवी जांच
खगड़िया: जिले के सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव कराने से पहले सभी गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच नहीं की जाती है. इसके कारण अन्य लोगों को भी एचआइवी रोग हो सकता है. स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण प्रसव के पहले गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच नहीं हो पाती है. […]
खगड़िया: जिले के सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव कराने से पहले सभी गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच नहीं की जाती है. इसके कारण अन्य लोगों को भी एचआइवी रोग हो सकता है. स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण प्रसव के पहले गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच नहीं हो पाती है. इसके कारण अन्य जच्चा व बच्च में भी यह रोग फैल सकता है.
प्रसव से पूर्व अनिवार्य है जांच
प्रसव से पहले गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच अनिवार्य है. पर, सदर अस्पताल का हाल यह है कि यहां सभी गर्भवती महिलाओं की जांच नहीं की जाती है. सदर अस्पताल में प्रतिदिन कम से कम 25 से 30 महिलाओं का प्रसव कराया जाता है. इस हिसाब से प्रतिमाह लगभग 900 महिलाओं को प्रसव कराया जाता है. इनमें से मात्र दो सौ से ढाई सौ गर्भवती महिलाओं की जांच ही प्रतिमाह की जाती है. सदर अस्पताल में प्रसव से पहले कुछ महिलाओं की एचआइवी जांच की गयी थी, जिसमें अब तक 17 महिलाओं में एचआइवी पॉजीटिव पाया गया.
नहीं है अवसरवादी रोगियों के इलाज की व्यवस्था
जिले में एचआइवी से पीड़ित अवसरवादी मरीज के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. एचआइवी संक्रमितों की देख भाल के लिए राज्य में नौ केंद्र हैं, जिनमें गया , पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, छपरा, किशनगंज, मोकामा, मधुबनी में इलाज की व्यवस्था है.
कर्मी का है अभाव
एचआइवी परामर्श एवं जांच केंद्र पर कर्मी का अभाव है. मात्र एक प्रयोगशाला प्रावैधिक एजाज अख्तर के सहारे परामर्श व जांच केंद्र चल रहा है. एक टेकिAशियन द्वारा माता-पिता से बच्चे में संक्रमित रोग, यौन संचरित रोग, एकीकृत परामर्श एवं जांच की जाती है. इससे से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक कर्मी कितने लोगों का जांच कर सकता है.
केंद्र का टेलीफोन है खराब
परामर्श एवं जांच केंद्र एड्स नियंत्रण इकाई द्वारा लगाया गया टेलीफोन महीनों से खराब है. टेलीफोन नंबर 06244- 222469 राशि जमा नहीं करने के कारण पांच माह से खराब है.
नहीं है सफाई की व्यवस्था
जांच एवं परामर्श केंद्र पर साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं है. ना ही एड्स नियंत्रण इकाई द्वारा कर्मी के लिए कोई सुविधा दी गयी है. जांच के बाद हाथ धोने के लिए टेकिAशियन को साबुन व रूमाल तक की व्यवस्था नहीं है.
कहते हैंपदाधिकारी
जांच एवं परामर्श केंद्र के नोडल पदाधिकारी डॉ एसपी मंडल ने बताया कि कर्मियों की कमी की जानकारी एड्स नियंत्रण इकाई को दी गयी है. जल्द ही परामर्श केंद्र को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जायेगा.
पीड़ित महिलाओं को नहीं दी जाती है दवा
एचआइवी से पीड़ित गर्भवती माताओं को दी जाने वाली नेभीरापीन नहीं पिलायी जाती है. यदि एचआइवी पॉजीटिव महिला को प्रसव से पूर्व नेभीरापीन की पीला दी जायेगी, तो नवजात शिशु को संक्रमण से बचाया जाता सकता है.
कहां है जांच घर
माता-पिता से बच्चे में संक्रमित रोग के रोकथाम के लिए सदर अस्पताल के पुराने भवन में बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा जांच घर बनाया गया है. इसमें पीपीटीसीटी केंद्र पर गर्भवती महिलाओं के लिए मुफ्त परामर्श एवं खून जांच की सुविधा उपलब्ध है.
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