फोटो दीपक 9मुजफ्फरपुर. सीतामढ़ी कलेक्ट्रेट गोलीकांड को मिनी जालियावाला बाग कांड कहा जा सकता है. आंदोलनकारी राहत वितरण की गड़बड़ी को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. तभी पुलिस वालों ने गोली फायरिंग की, जिसमें कई जानें गई. इस कांड में जिनके परिजन मारे गये थे. उन्होंने पुलिस पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी, लेकिन जिन पर प्राथमिकी दर्ज हुई. वहीं कांड के अनुसंधान करने लगे और आंदोलन कारी को ही दोषी बना दिया. यह बातें पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कलेक्ट्रेट गोली कांड में केंद्रीय कारा में बंद रामनरेश यादव, नवल किशोर राय, मोहन कुमार सिंह, राम लक्षण सिंह कुुशवाहा, मनोज कुमार, मो असद, महेंद्र यादव, कौशल किशोर राय, अनिल कुमार सिंह चुम्मन, विश्वनाथ बुंदेला, सूर्यदेव राय, विपिन बिहारी यादव, मदन राय, विनोद प्रसाद से मिलने के बाद कारा परिसर में कहीं. श्री मांझी ने कहा कि जिन पुलिस कर्मियों पर एफआइआर कराई गयी, आज वह प्रोमोशन पाकर गृह विभाग में पदस्थापित हंै. इस बड़ी घटना की जांच सीबीआइ से करानी चाहिए. जन प्रतिनिधियों पर कार्रवाई से पूर्व लोकसभा स्पीकर से अभियोजन की स्वीकृति (एक्जीक्यूशन सेंशन) क्यों नहीं ली गई? बिहार सरकार शीघ्र मृतक के परिजनों द्वारा किये गये मुकदमे पर कार्रवाई शुरू करे, नहीं तो यह निर्णय पूरे समाज को प्रभावित करेगा. संविधान में लोगों को अधिकार है कि वह अन्याय के विरुद्ध शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जता सकते हंै.
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कलेक्ट्रेट गोलीकांड मिनी जालियावाला बाग कांड: मांझी
फोटो दीपक 9मुजफ्फरपुर. सीतामढ़ी कलेक्ट्रेट गोलीकांड को मिनी जालियावाला बाग कांड कहा जा सकता है. आंदोलनकारी राहत वितरण की गड़बड़ी को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. तभी पुलिस वालों ने गोली फायरिंग की, जिसमें कई जानें गई. इस कांड में जिनके परिजन मारे गये थे. उन्होंने पुलिस पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी, लेकिन जिन […]
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