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योग से ही शांति का मार्ग

सासाराम (सदर): विहंगम योग का ध्यान आंतरिक शांति का मार्ग प्रशस्त करता है. एक साधक जब सिद्धासन में बैठ कर अपनी चेतना को गुरु उपदिष्ट भूमि पर केंद्रित करता है तो वह मानसिक व आत्मिक शांति का अनुभव करता है. मन पर नियंत्रण न होने से ही समाज में तमाम विसंगतियां फैलती है. विहंगम योग […]

सासाराम (सदर): विहंगम योग का ध्यान आंतरिक शांति का मार्ग प्रशस्त करता है. एक साधक जब सिद्धासन में बैठ कर अपनी चेतना को गुरु उपदिष्ट भूमि पर केंद्रित करता है तो वह मानसिक व आत्मिक शांति का अनुभव करता है. मन पर नियंत्रण न होने से ही समाज में तमाम विसंगतियां फैलती है. विहंगम योग के ध्यान से मानव मानवीय गुणों से मंडित होकर दिव्य गुण स्वभाव वाला बन जाता है. शरीर की पुष्टि एवं इंद्रियों की तृप्ति मानव जीवन का उद्देश्य नहीं हो सकता है. विहंगम योग मानव जीवन की अपरिहार्य आवश्यकता है. इसके द्वारा मानव के आध्यात्मिक जीवन का निर्माण होता है.

ये बातें संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज ने स्थानीय लालगंज में आयोजित स्वर्वेद दोहा ज्ञान महायज्ञ में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सोमवार को कहीं.
उन्होंने कहा कि मानव के मन में अशांति है और जब तक यह अशांति है तब तक विश्व में शांति की कल्पना नहीं की जा सकती है. मन की अशांति को विहंगम योग की साधना से दूर किया जा सकता है.

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