गौरतलब है कि सरकारी योजना के तहत लगाये जाने वाले चापाकल में कम पाइप लगाये जाते हैं जो शुरू में कुछ दिनों तक पानी देने के बाद बंद हो जाता है. साथ ही इन चापाकलों का पानी पीने लायक भी नहीं होता है. नगर पंचायत लगभग तीन दशक पूर्व पेयजल आपूर्ति के लिए जल मीनार की स्थापना की है.
लेकिन, पाइप लाइन नहीं होने के कारण नगर के दो तिहाई आबादी जलापूर्ति से वंचित है. नगर में लगाये गये सभी सार्वजनिक चापाकल बंद हो गये हैं. पाइप लाइन वर्षो से जजर्र पड़े हैं. इसके कारण गंदे पानी की आपूर्ति होती है. लोग इस पानी का उपयोग पीने के लिए नहीं करते हैं. इस संबंध में सहायक अभियंता आरके सिंह ने बताया कि रुपये के अभाव में चापाकलों व पाइप लाइन की मरम्मती नहीं हो पा रही है. इस संबंध में हमेशा वरीय अधिकारी को लिखा जाता है.