पटना: राज्य सरकार 200 बसावट के लोगों को आयरन मुक्त शुद्ध पानी मुहैया करायेगी. पानी में आयरन की अधिक मात्र से होनेवाली परेशानी से बचाने के लिए ऐसे स्थानों पर ट्रीटमेंट यूनिट लगा कर पानी शुद्ध करने का काम किया जायेगा. फिर इस पानी को लोगों के घरों तक पहुंचाया जायेगा. राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत राज्य सरकार ने शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए राशि स्वीकृत की है. योजना के तहत पीएचइडी विभाग अमल करते हुए काम शुरू किया है.
विभाग द्वारा आयरन प्रभावित नौ जिलों में शुद्ध पानी मुहैया कराने की योजना है. शुद्ध पानी के लिए टोले में सौर ऊर्जा चालित पंप व उपयरुक्त ट्रीटमेंट यूनिट लगाये जायेंगे. योजना की खासियत है कि लगाये जानेवाले पंप का रख-रखाव संबंधित एजेंसी को पांच साल तक करना है.
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के अंतर्गत आयरन प्रभावित टोले में शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए जलापूर्ति योजना के लिए राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है. योजना के तहत अगले साल उन चयनित टोलों में ट्रीटमेंट यूनिट के साथ पंप लगाना है. इससे पानी शुद्ध कर लोगों को उपलब्ध कराया जायेगा. घर-घर तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछा कर घरों में टेप लगाये जायेंगे.
जिला यूनिट (संख्या) राशि (लाख)
बेगूसराय 32 361
खगड़िया 7 80
पूर्णिया 20 226
किशनगंज 25 283
अररिया 23 260
कटिहार 13 147
सहरसा 20 226
सुपौल 43 485
मधेपुरा 17 192
नौ जिलों में लगेगी ट्रीटमेंट यूनिट
आयरन प्रभावित नौ जिलों में सौर चालित पंप के साथ ट्रीटमेंट यूनिट लगाया जायेगा. ट्रीटमेंट यूनिट से पानी का शुद्ध करने के बाद घरों में पहुंचाया जायेगा. बेगूसराय, खगड़िया, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, सहरसा, सुपौल व मधेपुरा जिलों के दो सौ बसावटों का चयन किया गया है, जहां आयरन युक्त पानी को शुद्ध कर उपलब्ध कराना है. पीएचइडी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 45 बसावटों में योजना के तहत काम हो रहा है. वर्ष 2016 तक 200 बसावटों में जलापूर्ति योजना के तहत काम पूरा करना है.
22.60 करोड़ स्वीकृत
राज्य सरकार ने 200 बसावटों में जलापूर्ति योजना के लिए 22 करोड़ 60 लाख रुपये स्वीकृत किया है. पीएचइडी विभाग इसका उपयोग सौर चालित पंप के साथ ट्रीटमेंट यूनिट स्थापित करने का काम कर रही है.