आमिर खान इन दिनों बेहद खुश हैं, क्योंकि उनकी फिल्म ‘पीके’ न सिर्फ भारत में, बल्कि चीन में भी काफी कामयाब हो गयी है. हाल ही में उन्होंने फिल्म की सक्सेस पार्टी की. पेश है आमिर खान से अनुप्रिया व उर्मिला की बातचीत.
1. आमिर, सबसे पहले आपको इस नयी सफलता के लिए बधाई. साथ ही यह बताएं कि वे कौन- कौन से कारण रहे, जिनकी वजह से आपको लगता है कि ‘पीके’ चीन के दर्शकों को भी पसंद आयी?
– जी बहुत-बहुत शुक्रिया. मुझे खुशी इस बात की है कि पहले मेरी फिल्म ‘3 इडियट्स’ वहां कामयाब रही और अब ‘पीके’ वहां के लोगों से मुझे जिस तरह से प्यार मिला है, मैं अभिभूत हूं. मैं इस बात से आश्चर्य कर रहा था कि वहां के लोग दूर गांव से भी मेरी फिल्में देखने आ रहे थे. मुझसे मिलने आ रहे थे. वे मेरे लिए तोहफे लेकर आ रहे थे.
मैं उनसे मिल कर हैरान था कि वे हमारी फिल्मों के बारे में कितना कुछ जानते हैं, लेकिन हम तो खुद में ही खुश हो लेते हैं, हमें उनकी फिल्मों की खास जानकारी नहीं होती. मैंने खुद केवल जैकी चैन की ही फिल्में देखी हैं. इस लिहाज से मुझे लगता है कि मैंने कुछ हासिल किया है. भारत से बाहर जब आपको इतनी लोकप्रियता मिलती है, तो खुशी होती है.
2. आपके वजन को लेकर वहां लोग चिंतित नहीं हुए. कोई सवाल नहीं किया?
– बिल्कुल किया. वे इस बात को लेकर चिंतित थे कि आखिर ऐसा क्या हुआ है कि मैं अचानक से इतना मोटा हो गया. फिर मैंने उन्हें बताया कि मैं इन दिनों एक फिल्म कर रहा हूं, उसके लिए वजन बढ़ाया है. खास बात यह थी कि वे आजाद के लिए भी काफी खिलौने लेकर आ रहे थे. तोहफे लेकर आ रहे थे. यह दर्शाता है कि वे हमारी गतिविधियों से वाकिफ हैं. हमारी जिंदगी से जुड़ी बातें उनके लिए महत्व रखती हैं.
3. फिल्म ‘दंगल’ के बारे में जानकारी दें?
– दंगल’ में मैं कुश्ती खेलता नजर आऊंगा. मेरा किरदार रेसलर का है. फिल्म में मैं दो लड़कियों के पिता की भूमिका में भी दिखूंगा. मैंने इसके लिए काफी मेहनत की है. मैंने धोबी पछाड़ भी सीखा है. मैं लगातार इसकी प्रैक्टिस कर रहा हूं. इससे पहले मैंने ‘गजनी’ में अपना वजन बढ़ाया था, लेकिन यह दूसरे तरीके की फिल्म है. किरण और अम्मी बेहद नाराज हैं, क्योंकि उनका मानना है कि मैं शरीर के साथ खिलवाड़ कर रहा हूं.
लेकिन क्या करूं, मैं ऐसा ही हूं. फिल्म के लिए मैंने 12 से 18 किलो वजन बढ़ाया है. किरदार में जाने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं. मुझे किरदार के साथ न्याय करना पसंद है. मैं बनावटी चीजों में विश्वास नहीं करता और किरदार के साथ तो कभी भी नाइंसाफी नहीं कर सकता.
4. आपको लगता है कि इस तरह की फिल्मों से कुश्ती व कई खेलों को बढ़ावा मिलेगा?
– हां, मैं इस बात में बिल्कुल विश्वास करता हूं कि देश में हर तरह के खेल को बढ़ावा मिलना ही चाहिए. मुझे लगता है कि आनेवाले समय में कुश्ती को एक अलग रूप मिल सकता है. मेरी फिल्म इसमें सहायक भी हो सकती है. साथ ही मुङो लगता है कि जिस तरह कबड्डी को लोकप्रियता मिल रही है, लोग कुश्ती को भी महत्व दें. हां, मैं कभी कोई लीग नहीं खरीदूंगा, लेकिन अगर कोई इस खेल को प्रमोट करे, तो मुझे खुशी होगी.
5. चीन की आपको सबसे खास बात क्या लगी?
– वहां के लोग काफी अच्छे हैं. मैं एक दिन वहां सिर्फ चीन घूमने के लिए रुका था. वहां मुझे चीन की पारंपरिक पोशाक तोहफे में मिली. चीन की लड़कियों ने मेरी आंखों की काफी तारीफ की कि मेरी आंखें काफी खूबसूरत हैं. मैं यह सुन कर थोड़ा शर्मा भी गया था. वहां आम आदमी भी काफी नॉलेज रखता है. वे जागरूक हैं और जागरूक करना भी जानते हैं. किसी भी देश के लिए यह अच्छी बात है.
6. आजाद की इन दिनों क्या गतिविधियां होती हैं?
– मुझे ऐसा लगता है कि आजाद जब से बड़ा हुआ है, वह कैमरे का सामना कर रहा है. हम कहीं भी जात हैं, तो लोग तसवीरें खींचते हैं. लगता है कि उसे यह बात समझ में आ रही है कि शायद दुनिया ऐसी ही होती है. लोग आम लोगों की भी तसवीरें लेते होंगे. मेरे वजन को देख कर वह भी थोड़ा अलग-अलग चेहरे बनाता है. उसे भी लगता होगा कि अचानक मुझे क्या हो गया है.
7. ‘दंगल’ के निर्देशक सिर्फ दो फिल्म पुराने हैं, फिल्म करने से पहले यह बात दिमाग में नहीं आयी?
– नहीं, मेरे दिमाग में यह बात कभी नहीं रहती. अगर मेरे मन में किसी भी फिल्म को लेकर संदेह हो, तो मैं वह फिल्म कभी नहीं करूंगा. स्क्रिप्ट पर विश्वास होने के बाद ही मैं किसी फिल्म को हां कहता हूं और निर्देशक का अप्रोच तो समझ आ ही जाता है उनसे मिल कर. इसलिए, मुङो इन बातों से कभी कोई परेशानी नहीं होती.
8. आपके दोस्त सलमान खान अभी जिस हालात से गुजरे हैं, उस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
– सलमान दोस्त हैं, लेकिन कई लोग मुझे ‘सत्यमेव जयते’ से जोड़ कर इस तरह के सवाल कर रहे कि रोड एक्सीडेंट को लेकर मेरी क्या सोच है. मैं बस यह कहना चाहूंगा कि मुझे जो कहना था मैंने ‘सत्यमेव जयते’ में कह दिया है. इससे ज्यादा इस बारे में कुछ भी नहीं कहूंगा. और जो उसमें कहा है, मैं अपनी उस बात पर अमल करता हूं. और मुझे शेष कुछ नहीं कहना.