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बैंक लूट की योजना बनाते चार गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर: अहियापुर व नगर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में गुरुवार को बैंक लूट की योजना बनाते चार अपराधियों को बैरिया के पास हथियार के साथ दबोच लिया.हालांकि तीन अपराधी फरार होने में सफल रहे. अपराधियों को पकड़ने में अहियापुर थाना की बोलेरो पलट गयी, जिसमें सवार थानाध्यक्ष चितरंजन ठाकुर सहित कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गये. […]

मुजफ्फरपुर: अहियापुर व नगर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में गुरुवार को बैंक लूट की योजना बनाते चार अपराधियों को बैरिया के पास हथियार के साथ दबोच लिया.हालांकि तीन अपराधी फरार होने में सफल रहे. अपराधियों को पकड़ने में अहियापुर थाना की बोलेरो पलट गयी, जिसमें सवार थानाध्यक्ष चितरंजन ठाकुर सहित कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गये. पूछताछ में चारों ने कई घटनाओं में संलिप्तता स्वीकार की है. शुक्रवार को चारों को जेल भेजा जायेगा.
जानकारी के अनुसार, एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र को गुप्त जानकारी मिली थी कि बैरिया के पास कुछ अपराधी बैंक लूट की योजना बना रहे है. सूचना मिलने के बाद अहियापुर थानाध्यक्ष चितंरजन ठाकुर के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें प्रभारी नगर थानेदार नसीम अहमद, एसआइ सुदर्शन राम,अशोक दास, रमण कुमार, विश्वमोहन चौधरी सहित कई पुलिसकर्मी को शामिल किया गया. बैरिया गोलंबर के पास सादे लिबास में पुलिस तैनात हो गयी. दोपहर डेढ़ बजे के आसपास पुलिस को देखते ही अपाचे बाइक सवार अपराधी भागने लगे. पुलिस ने खदेड़ कर चार अपराधियों को पकड़ लिया. वही एक ही बाइक पर भाग रहे तीन अपराधियों को अहियापुर थानाध्यक्ष बोलेरो से खदेड़ने लगे. चांदनी चौक के पास तेज रफ्तार से पीछा करने पर बोलेरो दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. बोलेरो पलट कर वापस सीधा हो गयी. पीछा करने में गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी. थानाध्यक्ष को अंगुली में चोट लगी है. वही अन्य पुलिसकर्मी को हल्की चोट आयी है. इधर, पकड़े गये अपराधियों को पूछताछ के लिए थाने लाया गया. पुलिस का कहना है कि एसकेएमसीएच स्थित बैंक ऑॅफ बड़ौदा लूटने की योजना अपराधियों ने बनायी थी. चारों अपराधियों ने एक दर्जन से अधिक लूट की घटना में संलिप्तता स्वीकार की है. पंकज राय गिरोह का मुख्य सरगना है, जबकि अरुण ने योजना तैयार की थी. थानाध्यक्ष ने बताया कि फरार तीनों की गिरफ्तारी को छापेमारी की जा रही है.
फौजी को भगाने में शामिल था अरुण
कोर्ट से पेशी के बाद जेल ले जाने के क्रम में फरार हुए कैलाश उर्फ फौजी को भगाने में अरुण सहनी शामिल था. उसने स्वीकार किया कि फौजी भाग कर उसके घर पर छिपा था. अरुण व फौजी ने मिल कर कई घटना को अंजाम दिया है. दोनों ने मोतीपुर में चौकीदार को गोली मार दी थी. यहीं नहीं, मीनापुर में भी 2011 के लूट मामले में वह फरार था.
शहर में कर रहा था छिनतई
पूछताछ में गिरोह के सदस्यों ने स्वीकार किया कि उनका गिरोह ही शहर में मोतीझील पुल पर यात्रियों से लूट पाट करता था. घटना को अंजाम देने के बाद शहर छोड़ देते थे. रात में स्टेशन के पास शिकार की तलाश में रहते थे. रिक्शा सवार या पैदल यात्री को गिरोह के सदस्य निशाना बनाते थे.

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