आईसीसी सचिव एन श्रीनिवासन को लेकर एक बड़ा खुलासा किया गया है. बीसीसीआई के एक पूर्व चयनकर्ता ने खुलासा किया है कि अगर श्रीनिवासन ने तीन साल पहले विरोध नहीं किया होता तो विराट कोहली पहले ही कप्तान बन जाते.
एक बांग्ला समाचार पत्र में छपी खबर के बाद से मीडिया जगत में खबर चर्चा पर है. अखबार में छपी खबर के अनुसार 2011-12 में चयनसमिति के सदस्य राजा वेंकट ने कहा कि 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जा रही भारतीय टीम कई धड़ों में बट गयी थी. महेंद्र सिंह धौनी की अगुआई में टीम बिखरने के कगार पर थी. टीम में वापस एकता कायम करने के लिए टीम नेतृत्व में बदलाव की बात हो रही थी.
धौनी की जगह पर विराट कोहली को टीम का कमान सौंपने की तैयारी हो रही थी,लेकिन उस समय के बोर्ड अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने कोहली को कप्तान बनाये जाने का जोरदार विरोध किया और टीम नेतृत्व में किसी तरह की बदलाव से इनकार कर दिया.
वेंकट ने कहा, विदेश दौरे पर जा रही टीम के चयन में बोर्ड अध्यक्ष का फैसला अहम होता है. अधिकतर सदस्य धौनी को हटाकर कोहली को कप्तान बनाने पर सहमत थे,लेकिन श्रीनिवासन कप्तानी में बदलाव के लिए तैयार नहीं थे. इसी कारण से कोहली कप्तान नहीं बन सके. वेंकट ने कहा, कोहली के बारे में पहले ही जानता था कि इस खिलाड़ी में क्षमता है भारतीय टीम की कमान संभालने की.