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ट्रांसजेंडर अधिकार विधेयक संसद के अगले सत्र में होगा पेश

नयी दिल्ली : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने आज कहा कि संसद के अगले सत्र में ट्रांसजेंडरों के अधिकार से संबंधित एक विधेयक पेश किया जायेगा. गहलोत ने कहा कि एक विशेष समिति ने इस विषय से संबंधित कई मामलों के बारे में चर्चा की. विधायी विभाग से ट्रांसजेंडरों के अधिकार […]

नयी दिल्ली : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने आज कहा कि संसद के अगले सत्र में ट्रांसजेंडरों के अधिकार से संबंधित एक विधेयक पेश किया जायेगा. गहलोत ने कहा कि एक विशेष समिति ने इस विषय से संबंधित कई मामलों के बारे में चर्चा की. विधायी विभाग से ट्रांसजेंडरों के अधिकार से संबंधित विधेयक का मसौदा तैयार करने का आग्रह किया गया है. अपने मंत्रालय के एक साल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमने ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए कानून बनाने का प्रस्ताव किया है.

इस मामले को देखने के लिए एक विशेष समिति गठित की गई और इसने चार बैठकें की जिसमें इस विषय से संबंधित कई मामलों पर चर्चा की गई.’ उन्होंने कहा, ‘हम संसद के मानसून सत्र में ट्रांसजेंडरों पर एक विधेयक पेश करेंगे.’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर स्पष्टीकरण के संबंध में एक समीक्षा याचिका दायर की है ताकि ट्रांसजेंडरों के लिए तीसरी श्रेणी सृजित की जा सके.

इस बारे में एक निजी विधेयक राज्यसभा में पारित हुआ है और इसे संसद के आगामी सत्र में लोकसभा में चर्चा के लिए लिया जायेगा. 36 वर्षो के बाद कोई निजी विधेयक राज्यसभा में इस वर्ष अप्रैल में पारित हुआ जो ट्रांसजेंडरों के अधिकारों की सुरक्षा से संबंधित था. सरकार ने हालांकि प्रारंभ में इसका प्रतिरोध किया था. निजी विधेयक द राइट्स आफ ट्रांसजेंडर बिल 2014 द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा ने पेश किया था और इसे ध्वनिमत से पारित किया गया था. सरकार ने तब शिवा को यह विधेयक वापस लेने का अनुरोध किया और इस बारे में एक समग्र विधेयक लाने का वादा किया था.

गहलोत ने तब कहा था कि कुछ परेशानियां हैं और विभिन्न मंत्रालयों के साथ विचार विमर्श और समन्वय की जरुरत है. एक नीति लाई जायेगी ताकि ट्रांसजेंडरों को आरक्षित समुदाय के समकक्ष लाभ प्राप्त हो सकें और उनको परेशानी से बचाया जा सके. गहलोत ने आज कहा कि ब्रिटेन में एक ऐतिहासिक इमारत जिसमें दलित नेता बी आर अंबेडकर ठहरे थे, उसे स्मारक में तब्दील करने के लिए उसे अधिग्रहित किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि जब अंबेडकर ब्रिटेन में पढाई कर रहे थे तब वह 1921-22 में एक मकान में रुके थे. मकान का मालिक उस सम्पत्ति को 40 करोड रुपये में बेचने को तैयार है. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय उस मकान को खरीदने की योजना बना रहा है और इसके बारे में फाइल विदेश मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय को भेजी गयी है. गहलोत ने कहा कि उन्होंने इस बारे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से बात की है और उन्होंने इस प्रस्ताव के बारे में अपनी सहमति दे दी है.

अभी यह तय है कि सम्पत्ति खरीदी जायेगी, लेकिन यह तय नहीं है कि इसे केंद्र सरकार खरीदेगी या राज्य सरकार. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र ने अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाने के लिए एक वर्ष की योजना बनाई है. दलित नेता के नाम पर दिल्ली के जनपथ पर सामाजिक न्याय पर अंतरराष्ट्रीय केंद्र स्थापित किया जा रहा है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष अप्रैल में आधारशिला रखी है.

गहलोत ने कहा कि सरकार इस स्मारक का विकास 100 करोड रुपये की लागत से करेगी और यह 26 अलीपुर रोड के पास स्थित होगा. यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अत्याचार की रोकथाम कानून 1989 को मजबूत बनाने से संबंधित अध्यादेश को समाप्त होने दिया गया, गहलोत ने कहा कि इस बारे में एक विधेयक संसद के अगले सत्र में पेश किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि मुझे यह समझ में नहीं आता है कि सोनिया गांधी ने यह पत्र क्यों लिखा. इस बारे में एक विधेयक संसद के पिछले सत्र में पेश किया गया था और इसके बाद इसे आगे विचार विमर्श के लिए स्थायी समिति को भेजा गया है. समिति ने अपनी सिफारिशें पेश की दी है जिस पर विचार किया जा रहा है और अब विधेयक संसद के अगले सत्र में पेश किया जायेगा.

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