नयी दिल्ली : मणिपुर में 18 सैनिकों की हत्या करने वाले विद्रोहियों पर करारा पलटवार करते हुए सेना के विशेष बलों ने मंगलवार को म्यांमार में सटीक कार्रवाई की. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस कार्रवाई में 35- 40 उग्रवादियों को भारतीय सेना ने मौत के घाट उतार दिया है.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस ऑपरेशन का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बांग्लादेश के दौरे पर जाने से ठीक पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अपना प्लान बदला जिसके तहत वे बांग्लादेश जाने के बजाय मणिपुर पहुंचे. आपको बता दें कि यहां 4 जून को आतंकियों के हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे.
उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई विशेष सूचना के आधार पर कमांडो ने म्यांमार के अधिकारियों के साथ तालमेल कायम कर की. सेना के मुताबिक दो उग्रवादी संगठनों को भारी नुकसान पहुंचा है. समझा जाता है कि ये दोनों संगठन एनएससीएन (के) व केवाइकेएल हैं. अतिरिक्त सैन्य अभियान महानिदेशक मेजर जनरल रणबीर सिंह ने बताया कि मणिपुर के हमले के बाद सेना चौकस थी. सूचना मिली थी कि ये उग्रवादी भारतीय क्षेत्र में और हमले करने की साजिश रच रहे हैं.
पिछले हमलों में शामिल समूहों के कुछ लोगों की ओर से ये हमले हमारे सुरक्षाकर्मियों और सहयोगियों पर किये जाने थे. आसन्न खतरे को ध्यान में रखते हुए तत्काल कार्रवाई जरूरी थी. यह नोटिस किया गया था कि उग्रवादी हमला करने के लिए सीमापार से आते थे और लौट जाते थे.इस कार्रवाई में सेना ने एमआइ-17 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया .
म्यांमार का मिला साथ
मेजर जनरल सिंह ने कहा कि हम इस मामले में म्यांमार के अधिकारियों के संपर्क में हैं. हमारी सेनाओं के बीच घनिष्ठ सहयोग का इतिहास रहा है. हम ऐसे उग्रवादियों का मुकाबला करने के लिए साथ मिलकर काम करने को आशान्वित रहे हैं. मार्च में संघर्ष विराम से हट जाने वाला एनएससीएन (के) तथाकथित ‘यूनाईटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ साउथ इस्ट एशिया’ के बैनर तले अन्य उग्रवादी संगठनों के साथ मिलकर कई हमलों में शामिल रहा है.
18 जवान हुए थे शहीद
4 जून को मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों ने सेना की 6 डोगरा रेजीमेंट पर रॉकेट चालित ग्रेनेड व अत्याधुनिक हथियारों से हमला कर 18 जवानों की जान ले ली थी. उस वक्त रक्षा मंत्री ने कहा था कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा. मंगलवार की कार्रवाई में मणिपुर में हमला करने वाले एनएससीएन (खापलांग) और कांगलेई यावोल कन्ना लुप (केवाइकेएल) के ठिकानों को निशाना बनाया गया.